ऑपरेशन शील्ड के तहत 6 राज्यों में ब्लैकआउट और एयर स्ट्राइक मॉक ड्रिल
देश की सुरक्षा तैयारियों को परखने और नागरिक व प्रशासनिक सतर्कता को मजबूत करने के उद्देश्य से शनिवार को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत देश के छह राज्यों—गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर—में व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस ड्रिल के दौरान रात्रि 8 बजे जैसे ही सायरन की तेज आवाज गूंजी, कई शहरों में बिजली काटकर पूर्ण ब्लैकआउट किया गया, ताकि वास्तविक आपातकाल जैसी परिस्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया का परीक्षण किया जा सके।
रात के अंधेरे में आपात तैयारी की झलक
ब्लैकआउट की तस्वीरें जम्मू, चंडीगढ़ और अमृतसर से सामने आईं, जहां पूरे इलाकों में अंधेरा छा गया। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को पहले ही सतर्क कर दिया था कि यह केवल एक अभ्यास है। सायरन बजते ही पूरा इलाका तैयार दिखा—लाइटें बंद कर दी गईं और सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं।

शाम 5 बजे से शुरू हुई थी अभ्यासिक कार्रवाई
मॉक ड्रिल का पहला चरण शनिवार शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक चला, जिसमें ‘एयर स्ट्राइक’ जैसी परिकल्पना के तहत पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य कर्मी और अन्य आपदा राहत एजेंसियां एक्शन में दिखीं। इस दौरान विभिन्न जगहों पर डमी हमलों का अभ्यास कराया गया।
- हवाई हमले के फर्जी परिदृश्य के तहत, इमारतों में आग लगने की सूचना दी गई और तुरंत फायर ब्रिगेड को रवाना किया गया।
- घायलों को निकालने, प्राथमिक चिकित्सा देने और आपातकालीन अस्पतालों तक पहुंचाने की प्रक्रिया की गई।
- गिरा हुआ पेड़ हटाने, इमारत में फंसे लोगों को निकालने, और सड़क पर यातायात नियंत्रित करने जैसे अभ्यास किए गए।

जम्मू में प्रशासन ने किया सक्रिय भागीदारी
एडीसी जम्मू अनसुइया जामवाल ने बताया कि जैसे ही सायरन बजा, पूरे इलाके में ब्लैकआउट कर दिया गया। मॉक ड्रिल के तहत यह दर्शाया गया कि दुश्मन की एयर स्ट्राइक से एक इमारत में आग लग गई है। फायर ब्रिगेड तुरंत पहुंची और आग बुझाने का कार्य किया गया। राहत एवं बचाव टीमों ने इमारत में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का भी अभ्यास किया।
यह मॉक ड्रिल केवल सेना या सुरक्षा एजेंसियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि आम नागरिकों को भी इसमें शामिल कर आपात स्थिति में उनके कर्तव्यों और प्रतिक्रिया को भी जांचा गया।
ऑपरेशन शील्ड का उद्देश्य
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति में प्रशासनिक तंत्र, नागरिक सुरक्षा व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना है। बदलते वैश्विक हालात और सीमा पार से उत्पन्न खतरे को देखते हुए भारत सरकार इस प्रकार की ड्रिल्स को लगातार प्राथमिकता दे रही है, जिससे देश के नागरिक और प्रशासन किसी भी चुनौती के लिए तत्पर रहें।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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