- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार भारत में एक्टिव केस की संख्या 1828 पहुंच गई है।
- 15 लोगों की मौत की पुष्टि भी की गई है, जिनमें 6 मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुई हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस एक बार फिर से दस्तक दे रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार भारत में एक्टिव केस की संख्या 1828 पहुंच गई है। बीते कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे तेज़ी आई है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। 15 लोगों की मौत की पुष्टि भी की गई है, जिनमें 6 मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुई हैं।
नवजात और 8 महीने की बच्ची संक्रमित, ICU और ऑक्सीजन सपोर्ट पर
सबसे चिंताजनक मामले गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है, जहां सिर्फ एक दिन के नवजात शिशु की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसे तत्काल ICU में भर्ती किया गया है। नवजात की मां भी कुछ दिन पहले पॉजिटिव पाई गई थीं, जो अब निगेटिव हैं। दूसरी ओर, एक 8 महीने की बच्ची को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। इन मामलों ने संक्रमण के बच्चों में भी गंभीर असर डालने की आशंका को बल दिया है।
केरल में मामलों की संख्या 700 पार, ओमिक्रॉन JN वैरिएंट का प्रकोप
केरल में एक्टिव केस 727 तक पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि राज्य में ओमिक्रॉन का नया JN वैरिएंट LF.7 तेजी से फैल रहा है। संक्रमण की यह लहर दक्षिण भारत में ज़्यादा सक्रिय है, हालांकि अभी इसे गंभीर श्रेणी में नहीं रखा गया है।

महाराष्ट्र में तेजी से हो रही टेस्टिंग, मुंबई में सबसे ज़्यादा केस
महाराष्ट्र सरकार के अनुसार राज्य में अब तक 9,592 कोविड टेस्ट किए गए हैं और जनवरी से मई 2025 के बीच 379 केस सिर्फ मुंबई में मिले हैं। इनमें से अधिकांश मामले मई महीने में ही (373) सामने आए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि संक्रमण की दर में हालिया वृद्धि हुई है।
देश में मिले कोविड के 4 नए वैरिएंट: JN.1 सबसे प्रचलित
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के अनुसार भारत में चार नए वैरिएंट— LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 पाए गए हैं। इनमें JN.1 सबसे आम है, जो टेस्टिंग में 50% से ज़्यादा मामलों में पाया गया है। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) सामने आए हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि NB.1.8.1 वैरिएंट में तीन प्रमुख स्पाइक म्यूटेशन— A435S, V445H, और T478I मौजूद हैं, जो इसे तेज़ी से फैलने में सक्षम बनाते हैं और पूर्व विकसित इम्यूनिटी पर असर डाल सकते हैं। हालांकि, WHO ने इन वैरिएंट्स को “चिंताजनक” की बजाय “निगरानी योग्य” श्रेणी में रखा है।
सावधानी बनी रहे प्राथमिकता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं, लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। सरकार ने अस्पतालों को अलर्ट पर रहने और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।