- आतंक फैलाने वालों ने सपनों में भी नहीं सोचा होगा मोदी से मुकाबला कितना मुश्किल हो सकता है
- पाकिस्तान का लक्ष्य ही भारत से दुश्मनी करना है, पर हमारा लक्ष्य विकसित बनना है
दाहोद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के दाहोद में जनसभा को संबोधित करते हुए देश की सैन्य ताकत, आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के संकल्प को नए स्वर दिए। लगभग 24,000 करोड़ रुपये की लागत वाली अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “भारत ने दशकों पुरानी बेड़ियों को तोड़ा है और अब विश्वास के उजाले में तिरंगा लहरा रहा है।” इस मौके पर उन्होंने वेरावल-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस और वलसाड-दाहोद एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही उन्होंने दाहोद की इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि अब भारत केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता और निर्यातक भी है।
ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र : “जो हमारी बहनों का सिंदूर मिटाएगा, उसका भी मिटना तय है”
अपने जोशीले संबोधन में पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के पीछे की भावना को उजागर किया। उन्होंने कहा— “आतंकवादियों ने 140 करोड़ देशवासियों को चुनौती दी थी। मोदी चुप नहीं बैठ सकता था। हमारी तीनों सेनाओं को खुली छूट दी गई और 22 मिनट में दुश्मनों को मिटा दिया गया। ये सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, ये भारतीयों की भावना और संस्कारों की अभिव्यक्ति थी।”
विकास और आत्मनिर्भरता पर बल
पीएम मोदी ने देश की प्रगति का ज़िक्र करते हुए कहा— “आज हम मोबाइल से लेकर मेट्रो, गाड़ियों, खिलौनों, दवाओं और हथियारों तक का निर्माण भारत में कर रहे हैं। दाहोद की यह फैक्ट्री इसका जीता-जागता प्रमाण है।” उन्होंने यह भी बताया कि अब गुजरात का पूरा रेलवे नेटवर्क 100 प्रतिशत विद्युतीकृत हो गया है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।
26 मई का भावनात्मक संदर्भ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत 26 मई के भावनात्मक महत्व से की। उन्होंने कहा— “2014 में आज ही के दिन मैंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। सबसे पहले गुजरात ने और फिर देशभर के कोटि-कोटि नागरिकों ने मुझे आशीर्वाद दिया। इन 10 वर्षों में हमने ऐसे फैसले लिए हैं जो अकल्पनीय और अभूतपूर्व हैं।”
‘विकसित भारत’ का संकल्प
अपने भाषण के अंतिम हिस्से में पीएम मोदी ने विकसित भारत के लिए सभी नागरिकों से एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि— “देश अब निराशा के अंधकार से निकलकर आत्मविश्वास के उजाले की ओर बढ़ चला है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है – गरीबी हटाना और एक मजबूत अर्थव्यवस्था और रक्षा तंत्र के साथ भारत को विकसित राष्ट्र बनाना।”