- हादसे में 6 जवान घायल हुए, जिनमें संतोष यादव की हालत सबसे गंभीर थी
- जवानों से भरी गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी
भागलपुर/जम्मू-कश्मीर। देश की रक्षा में एक और वीर सपूत ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान बिहार के भागलपुर निवासी हवलदार संतोष यादव शहीद हो गए। सोमवार देर रात करीब एक बजे सेना की टुकड़ी ऑपरेशन के लिए निकली थी, तभी जवानों से भरी गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में 6 जवान घायल हुए, जिनमें संतोष यादव की हालत सबसे गंभीर थी। उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनका निधन हो गया।
दो महीने पहले ही आए थे छुट्टी पर, VRS लेने की थी तैयारी
शहीद संतोष यादव नवगछिया अनुमंडल के भिट्ठा गांव के रहने वाले थे। उन्होंने वर्ष 2001 में भारतीय सेना जॉइन की थी और पिछले तीन वर्षों से जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। परिवारवालों ने बताया कि वे दो महीने पहले ही छुट्टी में घर आए थे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुके थे। उनका सपना था कि अब बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की सेवा में समय दें।
4 बच्चों के पिता थे संतोष, बड़ी बेटी ने हाल ही में 10वीं पास की
शहीद संतोष के परिवार में पत्नी, तीन बेटियां और एक छोटा बेटा है। बड़ी बेटी दीक्षा ने इस साल 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिविजन से पास की है। दूसरी बेटी दीप्ति 9वीं और इशिका 7वीं में पढ़ती हैं, जबकि बेटा लक्ष्य अभी सिर्फ 4 साल का है।
छोटे भाई हैं बिहार पुलिस में सिपाही
परिजनों ने बताया कि संतोष तीन भाई-बहनों में मंझले थे। बड़े भाई बिहार पुलिस में सिपाही हैं और बहन की शादी हो चुकी है। शहीद का पार्थिव शरीर जल्द ही पैतृक गांव लाया जाएगा। गांव और पूरे जिले में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार इस वीर सैनिक को उचित सम्मान और परिवार को सहायता दे।
साले भी थे उसी सेक्टर में तैनात
संतोष यादव के साले भी भारतीय सेना में हैं और वे भी नौशेरा सेक्टर के पास ही दूसरी यूनिट में तैनात हैं। हादसे की सूचना भी सबसे पहले उन्होंने ही परिवार को दी। चचेरे भाई बृजेश यादव के मुताबिक, सोमवार देर रात यूनिट से फोन आया था, लेकिन कॉल नहीं उठ सकी। मंगलवार सुबह जैसे ही खबर मिली, पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा।
देश को गर्व, गांव को दुख
भिट्ठा गांव में जैसे ही यह खबर पहुंची, हर आंख नम हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि संतोष जैसे वीर सपूत गांव की शान थे। ग्रामीण कैलाश यादव ने कहा, “हमने एक बहादुर बेटा खोया है, लेकिन देश को उस पर गर्व रहेगा। सरकार को चाहिए कि उनके बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जिम्मेदारी उठाए।”