- हादसा न सिर्फ भयावह था, बल्कि इंसानियत को भीतर तक झकझोर देने वाला बन गया
हैदराबाद। गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए एकजुट हुआ परिवार पलभर में मौत की आगोश में समा गया। हैदराबाद के गुलजार हौज इलाके में शनिवार सुबह कृष्णा पर्ल नामक इमारत में लगी भीषण आग ने 17 जिंदगियां लील लीं। इन मृतकों में 8 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। हादसे के वक्त घर में कुल 21 लोग मौजूद थे। आग इतनी तेज थी कि अधिकांश लोगों की मौत झुलसने से नहीं, बल्कि दम घुटने से हुई। यह हादसा न सिर्फ भयावह था, बल्कि इंसानियत को भीतर तक झकझोर देने वाला बन गया।
मां की गोद में मिले 4 बच्चों के शव
घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे मीर जाहिद ने जो मंजर देखा, वह किसी डरावने सपने से कम नहीं था। वे बताते हैं कि जब वे पहली मंजिल पर पहुंचे तो एक महिला अपने चार बच्चों को सीने से चिपकाए बैठी थी, मानो उन्हें आखिरी सांस तक बचाने की कोशिश कर रही हो। महिला के हाथ में मोबाइल था, जिसकी टॉर्च अब भी जल रही थी। लेकिन पास जाकर देखा तो सबकी सांसें थम चुकी थीं। चारों बच्चों समेत महिला की मौत हो चुकी थी और झुलसी हुई लाशें इतनी अकड़ चुकी थीं कि छूते ही स्किन उतर रही थी।
चश्मदीदों ने दी दर्दनाक जानकारी
मोहम्मद इलियास, जिनकी दुकान उसी इमारत के सामने है, ने बताया कि आग की शुरुआत एंट्री पॉइंट से हुई, जो इमारत का एकमात्र दरवाजा था। अंदर जाने का कोई और रास्ता नहीं था। आग पर काबू पाने के लिए स्थानीय लोगों ने बिसलरी के वाटर जार तक का सहारा लिया। फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच गई, लेकिन संकरे रास्ते और अव्यवस्थित निर्माण के कारण उन्हें अंदर घुसने में देर हो गई।
दीवार तोड़कर पहुंची मदद
जाहिद और उनके दोस्तों ने जब देखा कि आग मुख्य दरवाजे से निकल रही है, तो उन्होंने बगल की दीवार तोड़कर भीतर जाने का रास्ता बनाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भीतर हर कमरे में धुआं भरा था और लाशें पड़ी थीं। ऊपर के कमरे में 7 शव एक साथ मिले, जो शायद सो रहे थे। वेंटिलेशन न होने से घर गैस चेंबर में तब्दील हो गया था।
शॉर्ट सर्किट से फैली आग
प्रारंभिक जांच में इस हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। घर में लकड़ी के फर्नीचर और सामान की अधिकता थी, जिससे आग तेजी से फैली। एक ही प्रवेश द्वार होने के कारण लोग बाहर नहीं निकल पाए।
सवालों के घेरे में अव्यवस्थित कॉलोनी
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि शहर की उस अव्यवस्था की पोल खोलता है जहां अवैध निर्माण, संकरी गलियां और सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने कई जिंदगियों को समय से पहले छीन लिया। सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन अब जागेगा या अगली त्रासदी तक इंतजार करेगा?