भोपाल। मध्यप्रदेश एक बार फिर राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार ने वर्ष 2028 में होने वाले 39वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई खेल एवं युवा कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में इसकी जानकारी साझा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर प्रदेश पूरी तरह तैयार है और इसकी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
तीसरी बार मेजबानी की ओर मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश पहले भी दो बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर चुका है। 1953 और 1963 में जबलपुर शहर इन खेलों का साक्षी बना था। यदि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है, तो यह आयोजन राज्य के लिए गौरव का विषय होगा और खेल संरचना को नई ऊंचाई देगा।
खेल अधोसंरचना में होगा बड़ा निवेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि आयोजन की तैयारियों में कोई भी कमी न रहे। खेल परिसरों और प्रशिक्षण केंद्रों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। विशेष रूप से एशियन रोइंग चैम्पियनशिप के आयोजन स्थल – भोपाल के खानूगांव स्थित वॉटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर को उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। यह आयोजन अक्टूबर 2025 में प्रस्तावित है, जिसमें 22 से अधिक देशों के 450 खिलाड़ी और तकनीकी अधिकारी भाग लेंगे।
मलखम्भ को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
मध्यप्रदेश सरकार पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मलखम्भ जैसे खेलों का डेमो प्रदर्शन विदेशों में भी किया जाए, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान बने। खेलो एमपी गेम्स में भी रस्साकशी, पिट्ठू, इंडियन स्टाइल तीरंदाजी जैसे पारंपरिक खेलों को शामिल किया जाएगा।
खेल और शिक्षा विभाग मिलकर करें प्रतिभाओं का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और शिक्षा विभाग मिलकर प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को निखारें। खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए और कॉलेज स्तर पर खेल संकाय की स्थापना की जाए।
ओंकारेश्वर और पचमढ़ी में साहसिक खेलों को प्रोत्साहन
सरकार साहसिक खेल गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर और पचमढ़ी में ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि जल खेल और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके।
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और स्पोर्ट्स साइंस सेंटर की तैयारी
राज्य सरकार भोपाल में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स साइंस सेंटर की स्थापना पर भी काम कर रही है। स्पोर्ट्स कोचिंग और संबद्ध विषयों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी प्रारंभ किए जाएंगे। इसके लिए निजी निवेशकों से प्रस्ताव भी मंगाए जा रहे हैं।
नाथू-बरखेड़ा में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
भोपाल के नाथू-बरखेड़ा में 985.76 करोड़ की लागत से दो चरणों में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण में एथलेटिक, हॉकी और फुटबॉल स्टेडियम जबकि दूसरे चरण में मल्टीपर्पस इंडोर कॉम्प्लेक्स, ऑल वेदर स्विमिंग पूल और क्रॉस-कंट्री ट्रैक का निर्माण होगा। तीसरे चरण में क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित है।
भोपाल तालाब को मिलेगा वैश्विक पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि एशियन रोइंग चैम्पियनशिप के माध्यम से भोपाल के बड़े तालाब की वैश्विक ब्रांडिंग होगी। इससे ओलंपिक 2036 में वॉटर स्पोर्ट्स के आयोजन हेतु भोपाल एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरेगा। यह न केवल खेलों को बल्कि प्रदेश के पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी प्रोत्साहित करेगा।
100 वर्षों का इतिहास, अब एक नई शुरुआत की ओर
राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत 1924 में हुई थी। इन 100 वर्षों में मप्र दो बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर चुका है। अब तीसरी बार मेजबानी का सपना साकार करने की दिशा में मोहन सरकार ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ा दिया है।
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