नई दिल्ली।
भारतीय खेल मंत्रालय देश में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जापान की तर्ज पर भारत में कई अत्याधुनिक ओलंपिक ट्रेनिंग सेंटर्स बनाए जाएंगे। इन केंद्रों की स्थापना में कॉरपोरेट सेक्टर की अहम भूमिका होगी और इसके लिए खेल मंत्रालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) सहित देश के 58 प्रमुख कॉरपोरेट्स ने हिस्सा लिया।
खेल मंत्रालय की पहल और BCCI का सहयोग
बैठक में खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने खेलों के विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को अहम बताया। BCCI की ओर से उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने घोषणा की कि बोर्ड 2-3 ओलंपिक खेलों की पूरी ज़िम्मेदारी लेने को तैयार है। हालांकि यह तय करना मंत्रालय का काम होगा कि BCCI किन खेलों की देखरेख करेगा। माना जा रहा है कि यह जिम्मेदारी रेसलिंग, एथलेटिक्स, हॉकी या बैडमिंटन जैसे प्रमुख ओलंपिक खेलों की हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक इस योजना पर 2025 से ही काम शुरू हो जाएगा और अगले कुछ वर्षों में देशभर में ओलंपिक-स्तरीय सुविधाएं विकसित करने का लक्ष्य है।
कॉरपोरेट-खेल भागीदारी का नया मॉडल
बैठक में यह भी तय हुआ कि हर ओलंपिक ट्रेनिंग सेंटर के संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी किसी न किसी कॉरपोरेट संस्था को दी जाएगी। यह मॉडल जापान के खेल विकास ढांचे से प्रेरित है, जहां निजी कंपनियां खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, पोषण, फिजियोथेरेपी और रिसर्च तक में सहयोग करती हैं।
इससे सरकार के बोझ को कम करने के साथ-साथ खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिल सकेंगी। बैठक में मौजूद कॉरपोरेट प्रतिनिधियों ने इस पहल में उत्साह दिखाया और जल्द ही MoU साइन करने की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

भारतीय मूल के प्रवासी खिलाड़ियों को भी मिलेगा मौका
बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर विचार हुआ—विदेशों में बसे भारतीय मूल के खिलाड़ियों को फिर से राष्ट्रीय टीम में खेलने की पात्रता दी जाए।
वर्तमान में केवल भारतीय पासपोर्ट धारक ही भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। 2008 में प्रवासी खिलाड़ियों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब खासकर टेनिस, फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों में विदेशी प्रतिभाओं को जोड़ने के लिए इस नीति पर पुनर्विचार किया जा रहा है।
हालांकि यह प्रस्ताव अभी शुरुआती दौर में है और इसे लागू करने से पहले व्यापक परामर्श और नीति संशोधन की प्रक्रिया से गुजरना होगा।
पहले भी खेलों में योगदान दे चुका है BCCI
BCCI ने इससे पहले भी ओलंपिक खेलों में मदद दी है।
- 2008 में, बोर्ड ने नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड में 50 करोड़ रुपए का योगदान दिया था।
- 2023 में, पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को 8.5 करोड़ रुपए दिए थे।
- टोक्यो ओलंपिक 2021 के मेडल विजेताओं को BCCI ने कुल 4 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि भी दी थी।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि क्रिकेट बोर्ड अब भारतीय खेल व्यवस्था में अपनी भूमिका को और व्यापक करने की दिशा में बढ़ रहा है।
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