July 5, 2025 6:43 PM

संघर्ष विराम के साए में अंतरिक्ष से निगरानी: ISRO के 10 उपग्रह कर रहे देश की सुरक्षा पर पहरा

  • सीमा पर शांति की पहल के बावजूद निगरानी और चौकसी में कोई ढील नहीं दी जा रही

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के ताज़ा घटनाक्रम के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की निगरानी क्षमताएं एक बार फिर चर्चा में हैं। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने रविवार को जानकारी दी कि देश की सुरक्षा और रणनीतिक निगरानी के लिए कम से कम 10 उपग्रह 24 घंटे सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमा पर शांति की पहल के बावजूद निगरानी और चौकसी में कोई ढील नहीं दी जा रही। वी. नारायणन ने मणिपुर के इंफाल स्थित सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा, “आप हमारे पड़ोसियों को जानते हैं। हमें सैटेलाइट्स और ड्रोन की मदद से पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र समेत लगभग 7000 किलोमीटर के दायरे में लगातार निगरानी रखनी होती है। यह देशवासियों की सुरक्षा और रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है।” इसरो चीफ का यह बयान दोहरे संदेश देता है—एक ओर जहां संघर्ष विराम की पहल सकारात्मक संकेत देती है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा एजेंसियां किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह सतर्क हैं। उपग्रहों के ज़रिए निगरानी से न केवल सीमावर्ती इलाकों पर पैनी नजर रखी जा रही है, बल्कि देश के उत्तर-पूर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी हाई अलर्ट मोड बरकरार है। विशेषज्ञ मानते हैं कि संघर्ष विराम के बावजूद भारत की यह तकनीकी सतर्कता, भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयारी का संकेत है। यह रणनीति न केवल सैन्य दृष्टि से बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी भारत की गंभीरता और तत्परता को दर्शाती है।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram