July 4, 2025 2:29 PM

भारत से जंग नहीं अमन चाहता है पाकिस्तान, इशाक डार बोले- बिना संप्रभुता खोए शांति का रास्ता चुना”

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भारत-पाकिस्तान सीजफायर: अमेरिकी मध्यस्थता के बाद दोनों देश युद्धविराम पर सहमत

नई दिल्ली/इस्लामाबाद
लगातार चार दिनों से जारी भारत-पाकिस्तान तनाव अब थमता दिखाई दे रहा है। शनिवार शाम ठीक 5:30 बजे पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम के लिए सहमत हो गए हैं। इससे कुछ देर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी यह दावा करते हुए बयान दिया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में रातभर चली वार्ताओं के बाद दोनों देश पूर्ण और त्वरित युद्धविराम पर राजी हुए हैं।

अमेरिकी भूमिका: पर्दे के पीछे हुई गहन कूटनीति

सीजफायर से पहले बीते 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण रहे। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुखों और दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से बातचीत की। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने सार्वजनिक तौर पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “मैं दोनों देशों को इस समझदारी भरे फैसले के लिए बधाई देता हूं।”

पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति, भारत की रणनीतिक बढ़त

डिप्टी पीएम इशाक डार ने सीजफायर का ऐलान करते हुए कहा कि पाकिस्तान हमेशा क्षेत्रीय शांति और संप्रभुता के सम्मान में विश्वास रखता है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान पर सैन्य और कूटनीतिक दबाव इस कदर बढ़ चुका था कि उसे युद्धविराम के लिए बाध्य होना पड़ा। भारत ने हालिया जवाबी कार्रवाइयों में पाकिस्तान के कई अहम मिलिट्री ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया था, जिसकी पुष्टि भारतीय रक्षा मंत्रालय की ब्रीफिंग में हुई।

नवाज शरीफ का बधाई संदेश, पाकिस्तानी सियासत में हलचल

सीजफायर की घोषणा के तुरंत बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शांति की पहल को लेकर सेना और सरकार को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।” माना जा रहा है कि नवाज का यह बयान न केवल देश में चल रही सत्ता की अंदरूनी राजनीति को दर्शाता है, बल्कि सेना और सरकार के बीच बनी सहमति का संकेत भी है।

पाक पीएम शहबाज शरीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतजार

सीजफायर की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि वे संघर्षविराम के पीछे की वजहों और भविष्य की रणनीति पर बात करेंगे। भारतीय पक्ष की ओर से भी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि शनिवार शाम 5 बजे से संघर्षविराम लागू हो गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ फिर से बातचीत करेंगे।


क्या यह स्थायी शांति की ओर कदम है?

सीजफायर का ऐलान भले ही बड़ी राहत लेकर आया हो, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या पाकिस्तान भविष्य में सीमा पार आतंकवाद से हाथ खींचेगा? भारत ने साफ किया है कि संघर्षविराम अपनी शर्तों पर हुआ है और आतंक के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। वहीं, सिंधु जल संधि का निलंबन अभी भी जारी है—जिसे भारत की रणनीतिक बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है।


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