भारत-विरोधी दुष्प्रचार और साइबर सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर बड़ा एक्शन
नई दिल्ली। पाकिस्तान से बढ़ते तनाव और युद्ध जैसे हालातों के बीच भारत सरकार ने एक अहम साइबर सुरक्षा कदम उठाते हुए 8000 से अधिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट्स को ब्लॉक करने के आदेश दिए हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई समाचार संगठनों के अकाउंट्स भी शामिल हैं, जिन पर भारत विरोधी सामग्री और दुष्प्रचार फैलाने के आरोप हैं।
सरकार का यह फैसला उन डिजिटल गतिविधियों के खिलाफ लिया गया है जो सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें, भ्रामक वीडियो, फोटो और भारत विरोधी प्रोपेगैंडा के माध्यम से अशांति फैलाने की कोशिश कर रही थीं। इन सभी अकाउंट्स पर भारत की साइबर सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने के आरोप हैं।

एक्स का बयान: भारत से असहमति, कंटेंट केवल भारत में दिखना बंद
प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ ने सरकार के इस फैसले पर अपनी असहमति जाहिर की है। ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स नामक आधिकारिक अकाउंट से किए गए पोस्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने जिन अकाउंट्स और कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया है, उन्हें केवल भारत में ब्लॉक किया जाएगा। एक्स ने यह भी जोड़ा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास रखता है, लेकिन कानूनी आदेशों का पालन करना भी उसकी जिम्मेदारी है।
किस तरह की सामग्री पर कार्रवाई?
सूत्रों के अनुसार, जिन अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे निम्नलिखित प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त थे:
- भारत पर झूठे युद्ध हताहतों के दावे
- भारतीय सेना की छवि धूमिल करने वाले वीडियो और फोटोज
- पाकिस्तान का पक्ष लेने वाली पोस्ट्स, जो जनमत को भ्रमित करने की कोशिश कर रही थीं
- नकली समाचार संगठनों के नाम से चल रहे प्रोपेगैंडा चैनल्स
- कुछ ब्लू-टिक वाले अकाउंट्स जिनका संचालन पाकिस्तानी एजेंसियों से प्रेरित बताया जा रहा है
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की कार्रवाई
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम साइबर स्पेस को झूठ, नफरत और अफवाहों का अड्डा नहीं बनने देंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।”
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और चेतावनी
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कड़ा कदम उठाया हो, लेकिन इस बार मामला अत्यधिक संवेदनशील है क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां और पश्चिमी देशों से संचालित थिंक टैंक अकाउंट्स भी शामिल हैं। भारत ने यह भी संकेत दिया है कि यदि ऐसे प्लेटफॉर्म राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देते रहे, तो भविष्य में और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
साइबर वॉरफेयर के दौर में डिजिटल सतर्कता ज़रूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में युद्ध केवल सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल दुनिया में भी एक समानांतर युद्ध चल रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से मनोवैज्ञानिक युद्ध, अफवाहें और राष्ट्रविरोधी प्रचार बड़े स्तर पर किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधे प्रभावित करता है।
सरकार का यह एक्शन न सिर्फ भारत की डिजिटल सीमाओं को मजबूत करने की दिशा में कदम है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी है कि फेक न्यूज और प्रोपेगैंडा के लिए भारत में कोई जगह नहीं है।
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