July 4, 2025 1:31 AM

उत्तरकाशी में हेलिकॉप्टर हादसा: गंगोत्री जा रहे 5 श्रद्धालुओं की मौत, 2 घायल; भागीरथी नदी के पास हुआ क्रैश

  • गंगोत्री धाम जा रहे श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर गुरुवार को क्रैश हो गया
  • हेलिकॉप्टर एयरोट्रांस सर्विस प्राइवेट कंपनी का था और इसमें कुल 7 लोग सवार थे

उत्तरकाशी (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। गंगोत्री धाम जा रहे श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर गुरुवार को क्रैश हो गया। हादसे में 5 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को एयर लिफ्ट कर इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स भेजा गया है। यह दुर्घटना उत्तरकाशी के गंगनानी क्षेत्र में भागीरथी नदी के पास हुई। हेलिकॉप्टर एयरोट्रांस सर्विस प्राइवेट कंपनी का था और इसमें कुल 7 लोग सवार थे। प्रशासन ने बताया कि मृतकों में 4 पुरुष और 1 महिला शामिल हैं, जबकि एक महिला और पायलट गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

देहरादून से उड़ी थी फ्लाइट, खरसाली के रास्ते गंगोत्री धाम पहुंचना था

हेलिकॉप्टर ने देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से उड़ान भरी थी। इसका गंतव्य खरसाली हेलीपैड था, जहां से यात्रियों को सड़क मार्ग से गंगोत्री धाम पहुंचाया जाना था। हादसे में घायल पायलट कैप्टन रॉबिन सिंह को गंभीर स्थिति में रेस्क्यू किया गया है। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर में सवार श्रद्धालु मुंबई और आंध्र प्रदेश से थे—चार यात्री मुंबई से और दो आंध्र प्रदेश से थे। हादसे की जानकारी मिलते ही उत्तरकाशी प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया।

खराब मौसम बन सकता है हादसे की वजह

घटना के समय उत्तरकाशी जिले में मौसम खराब था। लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही थी और ऊपरी इलाकों में बादल छाए हुए थे। मौसम विभाग ने पहले ही चारधाम यात्रा रूट पर आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया था। आशंका जताई जा रही है कि खराब मौसम के चलते दृश्यता कम होने से यह दुर्घटना हुई। जांच के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं।

चारधाम यात्रा पर फिर से उठे सुरक्षा सवाल

यह हादसा एक बार फिर चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। खासतौर पर खराब मौसम में उड़ानों की निगरानी, हेलीपैड पर व्यवस्था और पायलटों के लिए मौसम संबंधी दिशा-निर्देशों की सख्ती पर अब दोबारा विचार करने की ज़रूरत महसूस की जा रही है।

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