ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पहलगाम हमले का लिया बदला, पाकिस्तान और POK में तबाह किए 9 आतंकी अड्डे
🔥 2019 की बालाकोट स्ट्राइक के बाद सबसे बड़ा सैन्य जवाब
15 दिन पहले हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और POK के आतंकी ढांचों पर बड़ा और सटीक वार किया है। मंगलवार देर रात शुरू हुए इस संयुक्त सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसमें सेना और वायुसेना ने मिलकर 9 आतंकी ठिकानों पर एक के बाद एक मिसाइल दागीं।
यह कार्रवाई न सिर्फ बदले की भावना से, बल्कि आतंकवाद की जड़ों को खत्म करने के इरादे से की गई थी।

📍 किन-किन ठिकानों पर बरसा भारत का कहर? जानिए वजह और रणनीति
1. बहावलपुर – जैश का गढ़
पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब में स्थित बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। यहीं स्थित है ‘मरकज शुभान अल्लाह’, जो जैश का मुख्यालय है। यहीं जैश के सरगना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और अम्मार का घर भी है।
➤ स्ट्राइक का मकसद: जैश की नेतृत्व क्षमता को खत्म करना।
2. मुरीदके – लश्कर का मुख्यालय
लाहौर से 40 किमी दूर, यह इलाका लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा की गतिविधियों का केंद्र है।
यहाँ मौजूद मरकज तैयबा 200 एकड़ में फैला ट्रेनिंग कैंप है, जहाँ 26/11 के हमलावरों को ट्रेनिंग दी गई थी।
➤ विशेष बात: ओसामा बिन लादेन ने यहां के निर्माण में आर्थिक मदद दी थी।
3. सियालकोट – महमूना कैंप
यह हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रमुख अड्डा है। भले ही संगठन कमजोर हुआ हो, लेकिन इसका नेटवर्क अब भी POK और कश्मीर में सक्रिय है।
➤ भारत ने किया यह कैंप तबाह, जो स्थानीय आतंक की रीढ़ माना जाता था।
4. कोटली – आत्मघाती हमलावरों की फैक्ट्री
यह POK का ऐसा इलाका है जहाँ एक साथ 50 से अधिक आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है।
➤ फोकस: हमले की रीढ़ तोड़ना, प्रशिक्षण बंद करना।
5. गुलपुर – घुसपैठ का मुख्य लॉन्चपैड
राजौरी और पुंछ में आतंकियों की घुसपैठ गुलपुर से ही संचालित होती रही है।
➤ भारत ने इस अड्डे को खत्म कर एलओसी की सुरक्षा मजबूत की है।
6. बाघ और भीमबेर – ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स ठिकाने
ये क्षेत्र आतंकी नेटवर्क की आपसी कड़ी और हथियार पहुंचाने के केंद्र रहे हैं।
➤ स्ट्राइक ने आतंकी सप्लाई चेन पर बड़ा प्रहार किया।
7. मुजफ्फराबाद – नियंत्रण केंद्र
POK की राजधानी जैसे इस क्षेत्र में भारत ने उस अड्डे को निशाना बनाया जहाँ से हालिया आतंकी हमलों की योजना बनी थी।
➤ फोकस: रणनीतिक ब्रेनसेंटर को ध्वस्त करना।
🧠 विश्लेषण: क्यों थी ये कार्रवाई जरूरी?
- पहलगाम हमला नहीं था साधारण: इसमें भारतीय जवानों को बुरी तरह निशाना बनाया गया था।
- बॉर्डर पर लॉन्चपैड सक्रिय थे: LOC पर लगातार बढ़ रही गतिविधियां भारत के लिए खतरा बन रही थीं।
- संदेश देना जरूरी था: सिर्फ कड़ी निंदा नहीं, इस बार भारत ने साफ संदेश दिया — “जहां से हमला होगा, वहीं जवाब मिलेगा।”
🧭 क्या है आगे की रणनीति?
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर की अगली स्टेज में डिप्लोमैटिक और साइबर स्तर पर भी कार्रवाई हो सकती है। भारत दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि वह सिर्फ पीड़ित नहीं, अब निर्णायक शक्ति बन चुका है।