July 4, 2025 12:18 PM

पहलगाम हमले के बाद एनआईए जांच में तेजी, नौसेना अलर्ट पर, पाकिस्तान ने अमेरिका से मांगी दखल

  • घटनास्थल की 3डी मैपिंग शुरू, समुद्री सीमा पर भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड की सतर्क तैनाती

नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को आठ दिन गुजर चुके हैं, लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने जांच की कमान संभाल ली है और गुरुवार को एजेंसी प्रमुख सदानंद दाते खुद घटनास्थल पहुंचे। अब NIA टीम 3डी मैपिंग के जरिए उस इलाके की पूरी क्राइम सीन रीक्रिएशन कर रही है, जहां आतंकियों ने हमला किया था।

चार जगह की गई थी रेकी, हमले की थी पहले से साजिश

सूत्रों के मुताबिक, हमले से पहले आतंकियों ने बायसरन, अरु वैली, बेताब वैली और लोकल एम्यूजमेंट पार्क जैसे पर्यटन स्थलों की रेकी की थी। इस साजिश में कई लोग शामिल हो सकते हैं। जांच एजेंसी आतंकियों के आने-जाने के रास्तों की भी डिजिटल जांच कर रही है ताकि उनके नेटवर्क तक पहुंचा जा सके।

नौसेना और कोस्ट गार्ड हाई अलर्ट पर

इस हमले के बाद भारतीय नौसेना ने अपने जंगी जहाजों (वॉरशिप) को अलर्ट मोड पर डाल दिया है। हाल ही में अरब सागर में एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट फायरिंग ड्रिल भी की गई। गुजरात के तटीय इलाकों में भी भारतीय तटरक्षक बल (Coast Guard) को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है। यह कदम इस आशंका के चलते उठाया गया है कि आतंकी घटनाओं की आड़ में समुद्री रास्तों से घुसपैठ की कोशिश हो सकती है।

पाकिस्तान ने बदली रणनीति, अमेरिका से की हस्तक्षेप की मांग

दूसरी ओर, पाकिस्तान की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। हमले के बाद पाक चौकियों से झंडे हटा दिए गए थे, लेकिन अब दोबारा झंडे लगा दिए गए हैं — यह किसी रणनीतिक बदलाव का संकेत माना जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बातचीत में कहा कि भारत को संयम बरतने के लिए बाध्य किया जाए, क्योंकि उसका ‘आक्रामक रुख’ क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है।

अमेरिका ने भारत का समर्थन दोहराया

हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से बात करते हुए पहलगाम हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। यह बयान भारत की कूटनीतिक स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और मजबूत करता है।

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