भोपाल/उज्जैन। योगगुरु स्वामी रामदेव ने उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सांस्कृतिक पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. यादव न केवल विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं, बल्कि मध्यप्रदेश को धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। बाबा रामदेव के अनुसार, उज्जैन अब सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित हो रहा है, और इसका श्रेय महाकाल की कृपा के साथ-साथ मुख्यमंत्री की भक्ति और परिश्रम को जाता है।
बुधवार को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर बाबा रामदेव ने महाकालेश्वर की भस्मारती में भाग लिया और इसे दिव्य और अलौकिक अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ पर्व को मुख्यमंत्री एक दिव्य स्वरूप में आयोजित करने की दिशा में पूरी लगन से काम कर रहे हैं। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की वैश्विक पहचान स्थापित करने का अवसर बनेगा।
🕉️ महाकाल की भक्ति से जुड़ी विकास यात्रा
स्वामी रामदेव ने मुख्यमंत्री को शॉल, श्रीफल और महाकाल की तस्वीर भेंट कर स्वागत किया और कहा कि डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को कृषि से लेकर उद्योग तक, हर क्षेत्र में नई ऊँचाई दी है। अब वह इसे संस्कृति और अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी स्थापित कर रहे हैं।
🎨 मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक उपलब्धि को राष्ट्रीय पहचान
इसी क्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी घोषणा की कि भगोरिया नृत्य, गोंड जनजातीय चित्रकला और नर्मदा परिक्रमा को भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रीय सूची में शामिल किया गया है। यह न सिर्फ जनजातीय समुदायों बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर “विरासत से विकास” की नीति को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस सफलता को माँ नर्मदा की कृपा और प्रदेशवासियों की सांस्कृतिक चेतना का परिणाम बताया।
📌 मुख्य बिंदु
- बाबा रामदेव ने उज्जैन को ‘सांस्कृतिक राजधानी’ कहा
- मुख्यमंत्री मोहन यादव के कुंभ आयोजन की भव्य तैयारी की सराहना
- महाकाल की भस्मारती में शामिल होकर किया पूजन
- भगोरिया नृत्य, गोंड चित्रकला और नर्मदा परिक्रमा को राष्ट्रीय सांस्कृतिक सूची में जगह
- मुख्यमंत्री ने कहा – “विरासत मूलक विकास” के पथ पर चल रहा है मध्यप्रदेश
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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