- लॉन्चिंग पैड से 30-50 आतंकियों को हटाकर बंकरों में भेजा
- लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को अपने सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया
श्रीनगर । 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में खलबली मच गई है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, पाक सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को अपने सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया है। यह क्षेत्र घुसपैठ के लिए आतंकियों के लॉन्चिंग पैड माने जाते हैं। भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक जैसे विकल्पों पर विचार की आशंका के चलते पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 से 50 आतंकी इन लॉन्चिंग पैड्स से हटाए गए हैं। ये ठिकाने दुधनियाल, अथमुकाम, लीपा, फॉरवर्ड कहूटा और कोटली जैसे संवेदनशील इलाकों में हैं।
भारत ने ट्रेकिंग रूट्स बंद किए, LoC पर हाई अलर्ट
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहलगाम हमले के बाद सभी ट्रेकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी है। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट है कि दक्षिण और उत्तर कश्मीर के कई ट्रेकिंग रूट्स का इस्तेमाल आतंकी मूवमेंट के लिए किया जा सकता है। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
तुर्किये से सैन्य सप्लाई, पाक सेना कर रही तैयारी
भारत की आक्रामक नीति से चिंतित पाकिस्तान ने 27 अप्रैल की रात तुर्किये से सैन्य सहायता मंगाई है। सात C-130 हरक्यूलिस सैन्य विमान कराची और इस्लामाबाद के एयरबेस पर उतरे हैं, जिनमें से छह इस्लामाबाद और एक कराची के एयरबेस फैसल पर उतरा। इनमें युद्ध सामग्री लाई गई है, जिससे संकेत मिलता है कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति के लिए तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के पास मौजूद टैंक (जैसे अल-खालिद) और फाइटर जेट (जैसे JF-17) पुराने और सीमित क्षमता वाले हैं, इसलिए वो बाहरी सैन्य मदद पर निर्भर हो रहा है।
भारत ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को किया बैन
पहलगाम हमले की रिपोर्टिंग में भारत और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को बदनाम करने की कोशिश पर भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। 28 अप्रैल को भारत ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को बैन कर दिया, जिनमें शोएब अख्तर, डॉन न्यूज, समा टीवी और जिओ न्यूज जैसे बड़े नाम शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, इन चैनलों पर झूठी, सांप्रदायिक और भड़काऊ सामग्री चलाने का आरोप है। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई है। भारत के इस रुख से स्पष्ट है कि अब न सिर्फ सीमा पर बल्कि सूचना युद्ध में भी जवाब देने की नीति पर सरकार चल रही है।