पटना। NEET 2024 पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गुरुवार की रात पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को पटना से गिरफ्तार कर लिया है। लंबे समय से फरार चल रहे संजीव पर पुलिस ने 3 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसे दानापुर थाना क्षेत्र के शगुनामोड़ स्थित एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया।
40 लाख में पेपर डील, पुराना अपराधी
EOU के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने शुक्रवार को प्रेस को जानकारी दी कि संजीव मुखिया ने छात्रों से 40-40 लाख रुपये लेकर नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक किए थे। वह पूर्व में नालंदा जिले के नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था। लेकिन इसके बाद उसने खुद को बड़े पैमाने पर पेपर लीक और शिक्षा माफिया गतिविधियों में शामिल कर लिया।
संजीव मुखिया का आपराधिक इतिहास भी चौंकाने वाला है। 2016 में सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में उसका नाम सामने आया था। इसके साथ ही BPSC शिक्षक बहाली घोटाले में भी वह पहले से जेल जा चुका है।
पूरा परिवार घोटालों में लिप्त, बेटा डॉक्टर, जेल में बंद
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि संजीव का बेटा डॉ. शिव कुमार, जो पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) से MBBS कर चुका है, इस समय पहले से ही जेल में बंद है। वह भी नीट लीक मामले में शामिल था। यह पूरा नेटवर्क बड़े पैमाने पर पैसे लेकर छात्रों को सेटिंग के जरिए पेपर उपलब्ध कराता था।
दानापुर में गुप्त सूचना पर कार्रवाई
गुरुवार की रात एक गुप्त सूचना के बाद STF और EOU की संयुक्त टीम ने शगुनामोड़ स्थित एक अपार्टमेंट को घेरा और संजीव को हिरासत में लिया। इस ऑपरेशन में दानापुर पुलिस ने पूरा सहयोग किया। फिलहाल संजीव से पूछताछ जारी है और उसके नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की तलाश भी तेज कर दी गई है।
NEET की विश्वसनीयता पर सवाल
नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक की घटनाएं न केवल परीक्षा की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि लाखों मेहनती छात्रों के सपनों को भी ठेस पहुंचा रही हैं। इस गिरफ्तारी से यह साफ होता है कि शिक्षा माफिया अब भी सक्रिय हैं और प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है।
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