- पंजाब से जम्मू-कश्मीर जाने वाली 12,000 से अधिक टैक्सी बुकिंग रद्द कर दी
- चंडीगढ़ एयरपोर्ट से श्रीनगर की दो उड़ानों के 95 यात्रियों ने टिकट कैंसिल कर दी
चंडीगढ़। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक वारदात का असर पर्यटन और अमरनाथ यात्रा पर भी दिखने लगा है। पंजाब से जम्मू-कश्मीर जाने वाली 12,000 से अधिक टैक्सी बुकिंग रद्द हो गई हैं, वहीं चंडीगढ़ एयरपोर्ट से श्रीनगर की दो उड़ानों के 95 यात्रियों ने टिकट कैंसिल कर दी। लेकिन आतंकियों की यह साजिश भक्तों की श्रद्धा और जोश को कमजोर नहीं कर पाई।
टैक्सी यूनियन का दर्द, डर में डूबा सीजन
जालंधर टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष हरदीप सिंह राजू ने बताया कि हर साल गर्मियों में लाखों पर्यटक पंजाब से जम्मू-कश्मीर और श्रीनगर जाते हैं। लेकिन इस बार हमले के बाद 12,000 से अधिक बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं, जिससे टैक्सी ऑपरेटरों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उड़ानों में भी दिखा असर, 95 यात्रियों ने कैंसिल की टिकट
चंडीगढ़ एयरपोर्ट से श्रीनगर जाने वाली इंडिगो की दो फ्लाइट्स में 180 में से सिर्फ़ 125 और 140 यात्री ही सवार हुए, बाकी ने अपनी टिकट रद्द कर दी। यात्रियों में अनिश्चितता और डर का माहौल साफ़ देखा गया। हालांकि श्रीनगर से लौटने वाली उड़ानों में पूरी संख्या देखी गई। एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि उड़ानें समय पर चल रही हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या घट रही है।
सरकार का बड़ा निर्देश: हवाई किराया न बढ़े
दिल्ली में नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने एयरलाइंस कंपनियों के साथ बैठक कर श्रीनगर रूट पर हवाई किराए में कोई भी बढ़ोतरी न करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में यात्रियों पर आर्थिक बोझ डालना उचित नहीं होगा।
आस्था पर आतंक का कोई असर नहीं
हमले के बावजूद बाबा बर्फानी के भक्तों का जोश कम नहीं हुआ। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि वे हर साल की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा पर पूरी श्रद्धा से जाएंगे। भक्तों की प्रतिक्रिया साफ़ है — “हम डरने वाले नहीं हैं, आतंकवादियों को जवाब हमारी आस्था से मिलेगा।”
बालटाल में तेज़ हुईं तैयारियां
बर्फानी सेवा समिति और अन्य लंगर संस्थाएं बालटाल में जोर-शोर से तैयारियों में जुट गई हैं। समिति प्रमुख बलदेव अरोड़ा ने कहा कि सरकार सुरक्षा का भरोसा देती है, लेकिन इस बार और ज्यादा सतर्कता और सख्ती की जरूरत है ताकि कोई इस पवित्र यात्रा को बाधित न कर सके।