July 5, 2025 2:43 AM

पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले जयपुर के नीरज का अंतिम संस्कार, पत्नी की चीखों से गूंज उठा मोक्षधाम

  • 33 वर्षीय नीरज उधवानी की अंतिम यात्रा में हर आंख नम थी

जयपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जयपुर के एक परिवार की खुशियां छीन लीं। गुरुवार को 33 वर्षीय नीरज उधवानी की अंतिम यात्रा में हर आंख नम थी, हर दिल रो रहा था। मालवीय नगर स्थित फॉरेस्ट व्यू रेजीडेंसी के निवासी नीरज का पार्थिव शरीर जब जयपुर पहुंचा, तो मातम पसरा हुआ था। पत्नी आयुषी, जिनकी आंखों के सामने आतंकियों ने नीरज को गोली मारी थी, शव से लिपटकर बार-बार बेसुध होती रहीं। मोक्षधाम में नीरज के बड़े भाई किशोर उधवानी ने उन्हें मुखाग्नि दी। वहीं, नीरज की मां ज्योति का रो-रोकर बुरा हाल था। जैसे ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उन्हें सांत्वना देने पहुंचे, वह फूट-फूटकर रो पड़ीं। मुख्यमंत्री ने खुद उनके आंसू पोछे और ढाढ़स बंधाया। इस दौरान कई वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वहां मौजूद रहे। लेकिन माहौल सिर्फ शोक का नहीं था—गुस्सा भी था। एक महिला ने जब गजेंद्र सिंह शेखावत से कहा, “ये आपकी सरकार की नाकामी है,” तो मंत्री ने चुपचाप हाथ जोड़ लिए। सवाल उठता रहा—जब जान जा चुकी है, तब सुरक्षा का आश्वासन किस काम का?

आतंक की गोली, प्यार के सामने

नीरज दुबई में जॉब करते थे और छुट्टियों में पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए थे। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने नीरज को पत्नी आयुषी के सामने गोली मार दी। आयुषी ने खुद नीरज के बड़े भाई को फोन पर यह ख़बर दी—”नीरज को गोली लग गई है…” इसके बाद परिवार की ज़िंदगी जैसे थम गई। बुधवार रात 8:15 पर नीरज का शव इंडिगो फ्लाइट से जयपुर लाया गया। अंतिम दर्शन के दौरान आयुषी शव के पास से हटने को तैयार नहीं थीं। हर किसी की आंखों में एक ही सवाल था—क्या कोई पर्यटन की हँसी-खुशी इस तरह खत्म होनी चाहिए?

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