
पहलगाम हमले पर भारत का सख्त पलटवार: सिंधु समझौता और वीजा नीति पर भी कार्रवाई
पहलागाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें आतंकी हमले के बाद की रणनीति पर विचार करते हुए पांच बड़े और निर्णायक फैसले लिए गए।
भारत के पांच सख्त फैसले
- सिंधु जल संधि पर रोक
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। इस समझौते के तहत भारत अब तक पाकिस्तान को सिंधु और उसकी सहायक नदियों का जल प्रवाह करता रहा है, लेकिन अब यह रोक दिया गया है। यह कदम पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए सबसे बड़े हथियारों में एक माना जा रहा है। - अटारी बॉर्डर से आवाजाही बंद
भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर से हर तरह की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इससे दोनों देशों के बीच सीमापार आवागमन अब पूरी तरह से ठप हो जाएगा। - पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल रद्द
भारत सरकार ने पाकिस्तानियों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया गया है। - दूतावास बंद करने का फैसला
भारत ने पाकिस्तान में अपना दूतावास बंद करने और भारत में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास को भी 7 दिनों के भीतर बंद करने का निर्णय लिया है। सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। - नई वीजा नीति
भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगले आदेश तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय वीजा जारी नहीं किया जाएगा। यह नीति दोनों देशों के बीच सभी प्रकार के नागरिक संपर्कों को सीमित कर देगी।
CCS बैठक में रहे ये चेहरे
दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर करीब ढाई घंटे चली इस अहम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल रहे। सभी ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी और जवाबी कार्रवाई की रूपरेखा पर सहमति बनाई।
लगातार बैठकों से बनी रणनीति
हमले के अगले ही दिन बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियों और मंत्रालयों में लगातार बैठकों का दौर चला। इन बैठकों में हमले की जिम्मेदारी तय करने, पाकिस्तान की भूमिका की जांच और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई।
भारत के इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि अब देश की नीति ‘सख्ती से निपटना’ की ओर है। ये फैसले न सिर्फ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की दिशा में कदम हैं, बल्कि देशवासियों को यह संदेश भी देते हैं कि भारत अब आतंकी हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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