- व्यापार समझौता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा
- द्विपक्षीय व्यापार को इस दशक के अंत तक 500 अरब डॉलर तक ले जाना चाहते हैं
जयपुर। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चर्चा में रहा व्यापार समझौता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह ऐलान किया कि दोनों देशों ने व्यापार समझौते के संदर्भ की शर्तों पर औपचारिक रूप से सहमति दे दी है। उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में जो संकल्प लिया था— कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को इस दशक के अंत तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए— वह अब ज़मीनी रूप लेता दिख रहा है।”
नौकरियों, सप्लाई चेन और समृद्धि पर केंद्रित है समझौता
वेंस ने बताया कि यह समझौता केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नई नौकरियों के सृजन, वैश्विक सप्लाई चेन की मजबूती और दोनों देशों के कर्मचारियों की समृद्धि को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने इसे “साझा हितों का प्रतिबिंब” बताया।
टैरिफ नीति पर ट्रंप का समर्थन
इस मौके पर वेंस ने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने के निर्णय का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि “टैरिफ लगाने का उद्देश्य व्यापार को संतुलित करना था। इससे अमेरिका और भारत दोनों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होंगे।”
ऊर्जा से लेकर रणनीतिक तकनीक तक सहयोग
जेडी वेंस ने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, ऊर्जा और रणनीतिक तकनीक के क्षेत्रों में गहराते सहयोग की बात भी दोहराई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह सहयोग दुनिया की सबसे मजबूत साझेदारियों में से एक बन सकता है।
मोदी-वेंस मुलाकात में बनी रणनीतिक सहमति
अपने भारत दौरे के दौरान वेंस ने नई दिल्ली में पीएम मोदी से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में रणनीतिक साझेदारी को और विस्तार देने और आर्थिक प्राथमिकताओं पर रोडमैप तैयार करने पर दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी। यह दौरा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत और अमेरिका अब न केवल रणनीतिक, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी वैश्विक संतुलन के नए केंद्र बनकर उभर रहे हैं।