भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। लंबे समय से प्रतीक्षित तबादला नीति मई माह में लागू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रिमंडल की बैठक में स्पष्ट संकेत दिए हैं कि आगामी कैबिनेट बैठक में स्थानांतरण नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इससे प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को स्थानांतरण का अवसर मिलेगा, जिनका पिछले सत्र में तबादला नहीं हो सका था।
सत्र के बाद तबादलों का निर्णय
दरअसल, सरकार का मानना है कि शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादले यदि सत्र के बीच में होते हैं, तो न केवल छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है, बल्कि संबंधित कर्मचारी और उनके परिवारों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसीलिए तबादलों को सत्रांत के बाद ही करने की नीति पर सरकार आगे बढ़ रही है।
एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि कर्मचारियों को पारिवारिक और शैक्षणिक दृष्टि से राहत मिले। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ कर्मचारियों की पारिवारिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जा रही है।
पेयजल संकट पर मुख्यमंत्री सख्त
गर्मियों के बढ़ते प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री ने पेयजल संकट को लेकर भी सख्त रुख अपनाया है। मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में प्रभारी मंत्री स्थानीय स्तर पर पेयजल आपूर्ति की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी क्षेत्र में जल संकट न हो।
साथ ही ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ को तीव्र गति देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। गर्मी के मद्देनजर यह तय किया गया कि गांव-शहरों में टैंकर, हैंडपंप और नलकूपों की मरम्मत व वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा।
ग्वालियर में आईटी सेक्टर में होगा 12,000 करोड़ का निवेश
कैबिनेट बैठक में ग्वालियर को आईटी हब के रूप में विकसित करने की योजना पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार के सहयोग से 12,000 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।
इसी क्रम में 27 अप्रैल को इंदौर में एक आईटी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश की प्रमुख आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि यह सम्मेलन प्रदेश में तकनीकी विकास और स्टार्टअप कल्चर को नई दिशा देगा।
किसानों और राशनकार्डधारियों को भी राहत
मंत्रिमंडल ने गेहूं उपार्जन और किसानों को भुगतान से जुड़ी जानकारी भी साझा की। अब तक 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है और 10,562 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खातों में स्थानांतरित की गई है।
वहीं, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित विवाह कार्यक्रमों को लेकर भी कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि एक आयोजन में कम से कम 11 जोड़े और अधिकतम 200 जोड़ों तक का विवाह कराया जाएगा।
चीता पुनर्स्थापना पर मिली अंतरराष्ट्रीय सराहना
बैठक में चीता पुनर्स्थापना को लेकर भी चर्चा हुई। कूनो नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्वास के बाद गांधी सागर में भी इस योजना को विस्तार देने की तैयारी है। इस परियोजना को लेकर विश्व स्तर पर मध्यप्रदेश की सराहना हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य की जैव विविधता और पर्यावरणीय नेतृत्व की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
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