Civil Services Day 2025: ‘हम जो आज निर्णय ले रहे हैं, वो एक हजार साल का भविष्य तय करेंगे’ — प्रधानमंत्री मोदी का सशक्त संबोधन
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, “अब सिस्टम नहीं, परिणाम चाहिए”; युवा अधिकारियों को दिया भविष्य निर्माण का संदेश
नई दिल्ली। भारत में 21 अप्रैल को हर वर्ष मनाए जाने वाले सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में आयोजित समारोह में सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए एक प्रेरणादायक और दूरदर्शी भाषण दिया। पीएम ने कहा,
**”हम आज जो भी निर्णय ले रहे हैं, वो केवल आज का समाधान नहीं, बल्कि भारत के आने वाले *1000 सालों के भविष्य* को दिशा देने वाले हैं।”**
कार्यक्रम में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिव, डीएम, आईएएस प्रशिक्षु और केंद्रीय सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मंच से गुड गवर्नेंस, आत्मनिर्भर भारत और नवाचार आधारित प्रशासन पर विस्तार से चर्चा की।

“अब सिस्टम नहीं, परिणाम चाहिए”
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने परिणाम आधारित प्रशासन (Result-Oriented Governance) पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा,
“देश की जनता अब केवल सरकारी प्रक्रियाओं से संतुष्ट नहीं है। उन्हें परिणाम चाहिए। अब समय है कि सिविल सर्विस को ‘सिस्टम से सरोकार’ के साथ ‘समाधान से सरोकार’ की दिशा में ले जाया जाए।”
उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाया कि विकसित भारत 2047 केवल एक विजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है और इसकी पूर्ति के लिए जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है।
“नौजवान अफसर तय करेंगे भारत की दिशा”
पीएम मोदी ने युवा अधिकारियों को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि आज जो अधिकारी अपनी सेवाओं की शुरुआत कर रहे हैं, वही आने वाले दशकों में भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएंगे। उन्होंने कहा,
“आपके हर निर्णय में आने वाली पीढ़ियों की छवि छिपी है। हर नीति, हर योजना को मानवीय दृष्टिकोण और राष्ट्रीय स्वाभिमान से जोड़िए।”

“न्यू इंडिया को चाहिए संकल्पबद्ध सिविल सेवक”
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अब डिजिटल गवर्नेंस, जन भागीदारी, और स्थायी विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में सिविल सेवकों की भूमिका केवल कार्यान्वयन की नहीं, बल्कि लीडरशिप और इनोवेशन की है।
उन्होंने E-Governance, Data-Driven Decision Making, और Artificial Intelligence के उपयोग पर भी बल दिया और कहा कि प्रशासन को तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
सिविल सेवा दिवस की थीम: ‘सशक्त प्रशासन, समृद्ध राष्ट्र’
इस वर्ष सिविल सेवा दिवस की थीम रही – ‘Empowered Governance for a Prosperous Nation’, यानी सशक्त प्रशासन, समृद्ध राष्ट्र। इस मौके पर कई अधिकारियों और टीमों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया।
प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि ये सम्मान केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस ‘टीम इंडिया’ की जीत है, जो हर दिन भारत को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए समर्पित है।
क्या है सिविल सेवा दिवस?
21 अप्रैल 1947 को भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए उन्हें ‘भारत की स्टील फ्रेम’ कहा था। उसी दिन की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है, ताकि प्रशासनिक सेवकों को उनके योगदान और दायित्वों की याद दिलाई जा सके।
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