July 5, 2025 9:45 PM

🛂 भारत बना रहा विदेश में नौकरी के लिए नया कानून: एजेंटों को झांसा देने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान

India to introduce new Immigration, Overseas Mobility & Welfare Bill 2025

नई दिल्ली | 20 अप्रैल 2025
विदेश में अवैध तरीके से नौकरी के लिए जा रहे भारतीय नागरिकों के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार एक नया और कठोर इमिग्रेशन कानून ला रही है। यह प्रस्तावित कानून मौजूदा “इमिग्रेशन एक्ट, 1983” की जगह लेगा और इसका उद्देश्य विदेश में काम, पढ़ाई और व्यवसाय के लिए जाने वाले नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।


📜 नया कानून: नाम और उद्देश्य

इस प्रस्तावित कानून का नाम होगा:
“इमिग्रेशन, ओवरसीज मोबिलिटी, फैसिलिटेशन एंड वेलफेयर बिल”

इसका उद्देश्य है:

  • विदेश में रोजगार, शिक्षा और व्यवसाय के लिए जा रहे भारतीयों की सुरक्षा
  • अवैध एजेंटों की पहचान और दंड
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को बेहतर बनाना

⚖️ कानून में क्या होंगे नए प्रावधान?

  • अवैध तरीके से विदेश भेजने पर 5 से 10 साल की सजा और ₹1 से ₹10 लाख तक जुर्माना
  • गैर-पंजीकृत एजेंटों की पहचान और दंड
  • विदेश में पढ़ाई, इंटर्नशिप या स्टार्टअप के लिए जा रहे युवाओं की सुरक्षा
  • नौकरी के लिए विदेश जाने वालों के लिए डिक्लेरेशन अनिवार्य हो सकता है
  • रजिस्टर्ड एजेंट्स को ही विदेश भेजने की अनुमति होगी
  • झूठे वादे करके विदेश भेजने वालों पर सीधी आपराधिक कार्रवाई

📊 अब तक की स्थिति: 3094 गैर पंजीकृत एजेंट

विदेश मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक देशभर में 3094 अवैध रिक्रूटमेंट एजेंटों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से कई युवाओं को नौकरी, स्कॉलरशिप, या PR के झूठे वादे कर विदेश भेजने की कोशिश करते हैं।


🇺🇸 अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के बाद उठाया गया कदम

हाल ही में अमेरिका द्वारा अवैध रूप से पहुंचे भारतीय नागरिकों को बेड़ियों में डिपोर्ट करने की खबरें सामने आई थीं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर पड़ा। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस दिशा में गंभीर कदम उठाने का निर्णय लिया।


🌐 सभी राज्यों और प्रवासी संगठनों से ली जाएगी राय

इस बिल को संसद के मानसून सत्र 2025 में पेश किया जाएगा। इससे पहले सरकार:

  • पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से सुझाव मांगेगी
  • प्रवासी भारतीय संगठनों से फीडबैक लेगी
  • इमीग्रेशन विशेषज्ञों और मानवाधिकार संगठनों की राय भी शामिल की जाएगी

🕰️ 1983 का इमिग्रेशन एक्ट – एक पुराना ढांचा

1983 में बना “द इमिग्रेशन एक्ट”:

  • विदेश में नौकरी के लिए जाने वाले नागरिकों के लिए बना था
  • केवल रजिस्टर्ड एजेंटों को मान्यता देता था
  • इमीग्रेशन क्लीयरेंस जरूरी करता था
  • पढ़ाई या व्यवसाय के लिए जाने वाले लोगों को कवर नहीं करता था

अब, बदलते वैश्विक संदर्भ, छात्रों की बढ़ती संख्या, और अवैध एजेंटों की गतिविधियों के मद्देनज़र नया कानून जरूरी हो गया है।


🔎 नया कानून क्यों ज़रूरी है?

  • भारत के 3.5 करोड़ प्रवासी दुनिया भर में फैले हैं
  • इनमें से 1.58 करोड़ NRI और 1.97 करोड़ भारतीय मूल के लोग हैं
  • अमेरिका, कनाडा, खाड़ी देश, और यूरोपीय यूनियन ने इमिग्रेशन नियम सख्त किए हैं
  • भारत को एक पारदर्शी, सुरक्षित और आधुनिक इमिग्रेशन व्यवस्था की जरूरत है
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