July 12, 2025 6:03 AM

वक्फ कानून पर बवाल के बाद मुर्शिदाबाद में हालात सामान्य, लोग बोले- ‘हमें सिर्फ़ शांति चाहिए’

  • प्रशासन और सुरक्षा बलों की तैनाती से धुलियान और शमशेरगंज जैसे प्रभावित इलाकों में शांति लौटने लगी

मुर्शिदाबाद। वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद जिले के हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन और सुरक्षा बलों की तैनाती से धुलियान और शमशेरगंज जैसे प्रभावित इलाकों में शांति लौटने लगी है। स्थानीय लोग अब घर और कारोबार की ओर वापसी कर रहे हैं। बीते सप्ताह हुए बवाल के बाद 500 से ज्यादा लोग जो पलायन कर गए थे, वे अब वापस आ रहे हैं। प्रशासन की ओर से दुकानों को फिर से खोलने और अनुशासन बनाए रखने की अपील की गई है। शांति बनाए रखने के लिए BSF और CRPF की तैनाती ने बड़ी भूमिका निभाई है।

“BSF हटी तो फिर से बिगड़ सकते हैं हालात”

शमशेरगंज के एक स्थानीय निवासी हबीब-उर-रहमान ने कहा, “BSF और CRPF के आने के बाद माहौल काबू में है। अगर ये हटे तो फिर से हालात बिगड़ सकते हैं।” कई व्यापारियों ने स्थायी सुरक्षा तैनाती की मांग की है। वहीं, दुकानदारों का कहना है कि हिंसा में उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। किसी की बिल्डिंग तोड़ी गई, किसी की दुकान जला दी गई। एक दुकानदार ने दावा किया कि 20-25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि अधीर रवि दास नाम के एक अन्य व्यापारी ने कहा कि उनकी दुकान पूरी तरह जलकर राख हो गई।

बंगाल के कई जिलों में फैला था बवाल

वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद के अलावा नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा में भी भारी हिंसा देखने को मिली थी। गाड़ियों में आग लगाई गई, दुकानों और घरों में तोड़फोड़ और लूट हुई। इन घटनाओं में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।

24 परगना में पुलिस पर हमला, वाहन जलाए

हिंसा का दायरा सोमवार को दक्षिण 24 परगना तक फैल गया। यहां ISF (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव हो गया। बैरमपुर के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की एक गाड़ी को रोका, जिससे माहौल बिगड़ गया। शोणपुर में भीड़ ने पुलिस की 5 बाइक और एक वैन को क्षतिग्रस्त कर दिया और उनमें आग लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट में कानून को लेकर 22 याचिकाएं

नए वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 22 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। इन याचिकाओं में कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। इनमें राजनीतिक दलों, नेताओं, संगठनों और आम नागरिकों की याचिकाएं शामिल हैं। 16 अप्रैल को इन याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।

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