वक्फ कानून पर बंगाल में हिंसा: धुलियान से 500 लोगों का पलायन, मालदा के स्कूल में शरण ली; आरोप—घर जलाए, पानी में जहर मिलाया
धुलियान/मालदा — पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान कस्बे में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया है। इलाके में सांप्रदायिक तनाव इस हद तक बढ़ गया कि करीब 500 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। प्रभावित लोग मालदा जिले के एक सरकारी स्कूल में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
🔥 क्या है मामला?
धुलियान में रहने वाले कुछ लोगों ने वक्फ बोर्ड की जमीन के दावे को लेकर आपत्ति जताई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वक्फ कानून के तहत उनके पुश्तैनी घरों को अवैध घोषित किया जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो मामला देखते ही देखते हिंसक हो गया।
प्रदर्शनकारियों और कथित वक्फ समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा के दौरान कई दुकानों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
🧪 जहरीला पानी और धमकियों के आरोप
प्रभावित लोगों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके पीने के पानी के स्रोत में जहर मिला दिया। इससे कई लोगों को पेट दर्द और उल्टी जैसी शिकायतें हुईं। इसके अलावा घरों को जलाने और रात में धमकियों की घटनाएं भी सामने आई हैं।
🏫 स्कूल में शरण, सरकार से सुरक्षा की मांग
जान बचाने के लिए 500 से अधिक लोग अपना घर छोड़कर मालदा जिले के मानिकचक ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में पहुंचे, जहां उन्होंने अस्थायी शिविर बना लिया है। इनमें महिलाएं, बुज़ुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं।
शरण लिए लोगों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें उचित सुरक्षा दी जाए और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
📢 प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने समय रहते हालात को काबू में नहीं किया। पुलिस ने पहले मामला हल्के में लिया, जिससे हिंसा फैल गई। अब भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।
🌐 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर राज्य की राजनीति भी गर्मा गई है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार वक्फ कानून का इस्तेमाल कर अल्पसंख्यकों के हितों के नाम पर बहुसंख्यक समुदाय को परेशान कर रही है। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है और कहा है कि हिंसा के पीछे कुछ बाहरी तत्व हैं।
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