Trending News

April 19, 2025 8:30 PM

ट्रंप प्रशासन ने काश पटेल को हटाया एटीएफ के कार्यवाहक निदेशक पद से, डैन ड्रिस्कॉल की नियुक्ति

trump-removes-kash-patel-atf-director-controversy

वॉशिंगटन।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाले प्रशासन ने एक अहम निर्णय लेते हुए काश पटेल को एटीएफ (अल्कोहल, तंबाकू, आग्नेयास्त्र और विस्फोटक ब्यूरो) के कार्यवाहक निदेशक पद से हटा दिया है। उनकी जगह अब सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पटेल को किस तारीख को पद से हटाया गया, लेकिन बुधवार तक एटीएफ की आधिकारिक वेबसाइट पर काश पटेल की तस्वीर और उनका नाम मौजूद था। इस बदलाव को लेकर फिलहाल एफबीआई ने कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है


🔍 कौन हैं काश पटेल?

काश पटेल एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी अधिकारी हैं, जिन्हें फरवरी के अंत में न्याय विभाग (डीओजे) की ओर से एटीएफ के कार्यवाहक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने ट्रंप प्रशासन के दौरान एफबीआई के साथ उच्च पदों पर भी काम किया है। एटीएफ का नेतृत्व संभालने के कुछ ही समय बाद उन्होंने शपथ ग्रहण की थी।


🔄 डैन ड्रिस्कॉल की तैनाती

सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल, जो पहले से ही अमेरिका की सेना सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं, अब एटीएफ के कार्यवाहक निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी संभालेंगे। एक रक्षा अधिकारी ने इस नियुक्ति की पुष्टि करते हुए कहा कि ड्रिस्कॉल अपने मौजूदा पद पर भी बने रहेंगे।


📜 डेमोक्रेट सांसदों की आपत्ति बनी कारण?

गौरतलब है कि 14 डेमोक्रेटिक सांसदों के एक समूह ने 4 मार्च को राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखकर काश पटेल की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी

इस पत्र में कहा गया था कि,

“यह अविश्वसनीय है कि किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसके पास अपराध नियंत्रण, सामूहिक गोलीबारी की प्रतिक्रिया या घरेलू आतंकवाद से निपटने का कोई अनुभव नहीं है, एटीएफ जैसे संवेदनशील एजेंसी का नेतृत्व सौंप दिया गया।”

ये सभी सांसद हाउस गन वायलेंस प्रिवेंशन टास्क फोर्स से जुड़े हैं और उन्होंने पटेल को हटाने की मांग सार्वजनिक रूप से की थी।


🕵️‍♂️ एटीएफ की भूमिका

एटीएफ अमेरिका की एक अत्यंत संवेदनशील और रणनीतिक संघीय एजेंसी है जो देश में विस्फोटकों, हथियारों, आगजनी, तंबाकू और शराब की अवैध तस्करी जैसी गतिविधियों पर नजर रखती है और उनके खिलाफ कार्रवाई करती है।
किसी भी अस्थिर या अनुभवहीन नेतृत्व से एजेंसी के संचालन पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है—यही तर्क देते हुए डेमोक्रेट सांसदों ने पटेल की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।


🤔 आगे की राह

ट्रंप प्रशासन के इस अचानक फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह कदम राजनीतिक दबाव में उठाया गया है? या प्रशासन खुद भी इस नियुक्ति को लेकर आश्वस्त नहीं था? फ़िलहाल व्हाइट हाउस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram