रायपुर। बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के खिलाफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मामला दर्ज किया गया है। अधिवक्ता फैजान खान ने अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि शाहरुख खान विमल पान मसाला, फेयर एंड हैंडसम क्रीम और ऑनलाइन रमी गेम जैसे उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन कर रहे हैं, जिससे युवा गुमराह हो सकते हैं और इनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
कोर्ट ने लिया संज्ञान, 29 मार्च को सुनवाई
इस मामले पर रायपुर की दंडाधिकारी कृति कुजूर ने सिविल केस नंबर 99/2025 के तहत मुकदमा रजिस्टर कर लिया है। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 29 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की है।
किन कंपनियों पर दर्ज हुआ केस?
अधिवक्ता फैजान खान ने गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (यूट्यूब इंडिया), अमेज़न इंडिया (प्राइम वीडियो), नेटफ्लिक्स इंडिया, एम्स लिमिटेड (फेयर एंड हैंडसम), आईटीसी लिमिटेड (विमल पान मसाला) और हेड डिजिटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (ए23 रमी) पर भी युवाओं और बच्चों को भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
शाहरुख खान पर क्या हैं आरोप?
- शाहरुख खान जैसे बड़े अभिनेता गैर-जिम्मेदाराना तरीके से उत्पादों का प्रचार कर रहे हैं, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- विमल पान मसाला का विज्ञापन तंबाकू उत्पादों को बढ़ावा देता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।
- फेयर एंड हैंडसम क्रीम के विज्ञापन से रंगभेद को बढ़ावा मिलता है।
- ऑनलाइन रमी गेम को प्रमोट कर वे युवाओं को जुआ और सट्टे की ओर धकेल रहे हैं।
मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह केस सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट और नैतिक जिम्मेदारी पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। देश में प्रसिद्ध हस्तियों के विज्ञापन का प्रभाव समाज और युवाओं पर गहरा पड़ता है। अधिवक्ता फैजान खान का कहना है कि ऐसे उत्पादों का प्रचार करने वाले बड़े सितारों पर भी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे समाज के प्रति जवाबदेह रहें।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
29 मार्च को इस मामले की पहली सुनवाई होगी, जिसमें अदालत शाहरुख खान और अन्य कंपनियों के खिलाफ सबूतों और दलीलों की समीक्षा करेगी। अगर कोर्ट को लगता है कि मामला मजबूत है, तो इस पर आगे की जांच शुरू की जा सकती है।
यह मामला एक बार फिर सेलिब्रिटी विज्ञापनों की नैतिकता को लेकर बहस छेड़ सकता है।