नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना पर लगभग 4,081 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी। रोपवे के निर्माण से केदारनाथ धाम की यात्रा आसान और सुगम होगी, जिससे श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।
परियोजना की खास बातें
- यात्रा में लगने वाला समय होगा कम: अभी गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा लगभग 18 किमी की होती है, जिसे पूरा करने में 6-8 घंटे लगते हैं। रोपवे बनने के बाद यह यात्रा मात्र 30 मिनट में पूरी हो सकेगी।
- पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ: इस रोपवे के निर्माण से केदारनाथ यात्रा करने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों को सबसे ज्यादा सुविधा होगी।
- आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा: इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- पर्यावरणीय संतुलन का रखा जाएगा ध्यान: सरकार ने इस परियोजना को इस तरह से डिजाइन किया है कि यह पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुंचाए और हिमालय की संवेदनशील पारिस्थितिकी सुरक्षित रहे।
रोपवे की विशेषताएं
- दूरी: गौरीकुंड से केदारनाथ तक लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा।
- यात्रा का समय: केवल 30 मिनट में केदारनाथ पहुंच सकेंगे।
- प्रति घंटे क्षमता: रोपवे में एक घंटे में लगभग 1,000 यात्री सफर कर सकेंगे।
- तकनीकी विशेषताएं: अत्याधुनिक केबल कार तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे यात्रा सुरक्षित और सुगम होगी।
सरकार का क्या कहना है?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “यह रोपवे परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के विजन का हिस्सा है, जिससे केदारनाथ यात्रा को और सरल बनाया जा सके। इस परियोजना से न सिर्फ तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।”
परियोजना से होने वाले लाभ
- तीर्थयात्रियों के लिए आसान यात्रा: पहले जहां घोड़े-खच्चर, डोली या पैदल यात्रा करनी पड़ती थी, वहीं अब लोग रोपवे के जरिए सीधे केदारनाथ पहुंच सकेंगे।
- स्थानीय रोजगार में वृद्धि: इस परियोजना से निर्माण कार्य के दौरान और इसके बाद हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: यात्रा सुगम होने से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक केदारनाथ आएंगे, जिससे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
- पर्यावरण संरक्षण: कम वाहनों और घोड़े-खच्चरों के उपयोग से पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा और प्रदूषण भी कम होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड और विशेष रूप से केदारनाथ धाम से गहरा जुड़ाव है। उन्होंने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए पहले भी कई परियोजनाएं शुरू की हैं। इससे पहले उन्होंने बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब और यमुनोत्री-गंगोत्री धामों तक बेहतर सुविधाएं देने के लिए कई योजनाएं लागू की थीं।
कब तक पूरा होगा रोपवे निर्माण?
सरकार ने परियोजना के लिए तीन साल की समय सीमा निर्धारित की है। अगर काम तय समय पर पूरा होता है तो 2027 तक श्रद्धालु इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
केदारनाथ रोपवे परियोजना हजारों श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान साबित होगी। इससे न केवल यात्रा सुगम होगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, पर्यटन बढ़ेगा और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह परियोजना चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।