नई दिल्ली, 27 फरवरी 2025: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में पाकिस्तान को एक विफल राज्य करार दिया, जो अंतरराष्ट्रीय अनुदानों पर फलता-फूलता है। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर कश्मीर मुद्दे पर निराधार दावे करने का आरोप लगाते हुए उसे अपने सैन्य-प्रेरित आतंकवादी एजेंडे से उबरने की सलाह दी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का कड़ा रुख
भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए उसके कश्मीर संबंधी बयानों को “निराधार और दुर्भावनापूर्ण” बताया। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर झूठा प्रचार करने और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) को अपने मुखपत्र के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में हो रही सामाजिक और आर्थिक प्रगति को स्वीकार करना चाहिए, न कि झूठे दावों का सहारा लेना चाहिए।
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान के नेता और राजनयिक अपने सैन्य-समर्थित आतंकवादी गुटों द्वारा प्रचारित झूठ को बार-बार दोहरा रहे हैं। पाकिस्तान OIC को एक मुखपत्र के रूप में प्रस्तुत करके उसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रहा है,” त्यागी ने कहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग बने रहेंगे।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद क्षेत्र में हुई प्रगति
भारतीय प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से हुए व्यापक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में स्थिरता आई है, निवेश बढ़ा है, बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ है और लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
मानवाधिकारों पर पाकिस्तान को नसीहत
भारत ने पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना करते हुए कहा कि उसे दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। भारत के अनुसार, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न, मानवाधिकारों का हनन और लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण उसकी राज्य नीति का हिस्सा बन चुका है।
“एक ऐसा देश जहां मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन होता है, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जाता है और लोकतंत्र का निरंतर क्षरण हो रहा है, वह किसी को भी मानवाधिकारों पर व्याख्यान देने की स्थिति में नहीं है। पाकिस्तान खुलेआम संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों को पनाह देता है। उसे भारत के प्रति अपने जुनून से बाहर आकर अपने नागरिकों को वास्तविक शासन और न्याय देने पर ध्यान देना चाहिए,” त्यागी ने कहा।
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पाकिस्तान की विफल नीतियों पर सवाल
भारत ने पाकिस्तान की आर्थिक विफलताओं और अंतरराष्ट्रीय अनुदानों पर उसकी निर्भरता की भी आलोचना की। भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने में असमर्थ है और उसे बाहरी आर्थिक सहायता पर निर्भर रहना पड़ता है। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई, घटते विदेशी मुद्रा भंडार और बिगड़ती आंतरिक सुरक्षा स्थिति इस बात का प्रमाण हैं कि वह अपने शासन को सही ढंग से संचालित करने में नाकाम रहा है।
भारत का कड़ा संदेश
संयुक्त राष्ट्र में अपने बयान के अंत में, भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि उसे अपने अंदरूनी मामलों पर ध्यान देना चाहिए और आतंकवाद को बढ़ावा देने की अपनी नीतियों को बंद करना चाहिए। भारत ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का यह कड़ा रुख पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश था कि वह अपने झूठे दावों और आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों से पीछे हटे और अपने नागरिकों के वास्तविक विकास पर ध्यान केंद्रित करे।
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