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March 13, 2025 2:33 AM

“महीने में दो बार खेतों पर जाता हूं” – केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान

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कुरुक्षेत्र। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए स्वयं को भी एक किसान बताया और कहा कि वे अभी भी नियमित रूप से खेती से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि खेती केवल एक पेशा नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा है, जिसे वे खुद जीते हैं।

“मैं भी किसान हूं, आज भी खेती करता हूं”

बैठक के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा:
“मैं किसान भाइयों से कह रहा हूँ तो इसलिए नहीं कि मैं मंत्री हूँ, बल्कि इसलिए कि मैं खुद भी किसान हूँ। अभी कद्दू की चर्चा हो रही थी, रामनाथ जी आपने 40-50 साल पहले कद्दू लगाए थे, लेकिन मेरे खेत में आज भी कद्दू लगा हुआ है। मैं आज भी कद्दू, शिमला मिर्च और टमाटर की खेती कर रहा हूँ। हालांकि कई बार जब फसल अच्छी होती है, तो दाम गिर जाते हैं।”

“फूलों की खेती भी करता हूँ”

शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि वे सिर्फ सब्जियों या अनाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे फूलों की खेती भी करते हैं।
“मैं गेंदा और जरबेरा फूलों की खेती भी करता हूँ। खुले में गलाई डोला भी लगाता हूँ। गेहूं और धान की भी खेती करता हूँ।”

“मंत्री बनने के बाद भी खेती से नाता नहीं तोड़ा”

उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्री बनने के बावजूद उन्होंने खेती से खुद को दूर नहीं किया। वे हर महीने कम से कम दो बार अपने खेतों में जाते हैं और खेती की हर प्रक्रिया को करीब से देखते हैं।
“मैं ऐसा किसान नहीं हूँ कि मंत्री बन गया तो सोचा कि अब साहब बन गया, खेत में क्यों जाऊं? मैं आज भी महीने में कम से कम दो बार अपने खेतों में जाता हूँ और खेती को पूरी तरह जीता हूँ।”

प्राकृतिक खेती को दिया बढ़ावा

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बैठक में प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर दिया और किसानों को रसायन मुक्त खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और लागत भी कम होती है

शिवराज सिंह चौहान के इन बयानों से साफ है कि वे सिर्फ किसानों की नीतियाँ बनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि स्वयं खेती को जीते भी हैं

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