महाराष्ट्र साइबर सेल की सख्त कार्रवाई, छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में फैलाई गई गलत जानकारी
मुंबई। महाराष्ट्र साइबर सेल ने विकिपीडिया के चार संपादकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया है। इन संपादकों पर मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक और भ्रामक जानकारी हटाने से इनकार करने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, विकिपीडिया पर किए गए संपादन में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई थी, जिससे समाज में कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी।
कैसे उठा विवाद?
यह विवाद तब और अधिक बढ़ गया जब फिल्म ‘छावा’ रिलीज़ हुई, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। फिल्म में विक्की कौशल ने संभाजी महाराज की भूमिका निभाई, जबकि रश्मिका मंदाना ने महारानी येसुबाई का किरदार निभाया। फिल्म की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही संभाजी महाराज से जुड़ी डिजिटल जानकारी की समीक्षा और जांच तेज हो गई। इसी दौरान कुछ इतिहासकारों और संगठनों ने विकिपीडिया पर उपलब्ध जानकारी को गलत बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई।
विकिपीडिया को भेजा गया नोटिस
महाराष्ट्र साइबर सेल ने इस विवाद के चलते अमेरिका स्थित विकिमीडिया फाउंडेशन को नोटिस भेजा और विवादित सामग्री को हटाने की मांग की थी। हालांकि, विकिपीडिया की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने के कारण साइबर सेल को कानूनी कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा।
सरकार का रुख और कानूनी धाराएँ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो लोग ऐसा करने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 168 के तहत विकिपीडिया संपादकों पर केस दर्ज किया है। इन धाराओं के तहत अगर कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म झूठी या भ्रामक जानकारी को बढ़ावा देता है, जिससे सांप्रदायिक तनाव या सामाजिक अस्थिरता उत्पन्न होने की संभावना हो, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका
सरकार का कहना है कि छत्रपति संभाजी महाराज मराठा इतिहास का एक अहम हिस्सा हैं और उनके बारे में गलत जानकारी फैलाने से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। पुलिस जांच में पाया गया कि विकिपीडिया पर बिना किसी विश्वसनीय स्रोत के गलत तथ्य जोड़े गए, जो ऐतिहासिक साक्ष्यों से मेल नहीं खाते।
विकिपीडिया को ठोस कदम उठाने की हिदायत
महाराष्ट्र साइबर सेल ने विकिपीडिया को भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय करने की हिदायत दी है। सरकार ने संकेत दिया है कि अगर विकिपीडिया जैसे अंतरराष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म ऐतिहासिक विकृति को बढ़ावा देते हैं, तो उनके लिए कड़े नियम बनाए जा सकते हैं।
चूंकि विकिपीडिया का भारत में कोई सीधा कार्यालय नहीं है, इसलिए सरकार कानूनी और नियामक विकल्पों पर विचार कर रही है। इस मामले में विकिपीडिया और इसके संपादकों की जिम्मेदारी तय करने के लिए आगे की जांच जारी है।
यह मामला सिर्फ एक डिजिटल संपादन से जुड़ा नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक तथ्यों की शुद्धता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का भी विषय है। सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि विकिपीडिया इस पर क्या रुख अपनाता है और भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए क्या कदम उठाता है।