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March 13, 2025 9:35 PM

मध्यप्रदेश के 89 हजार स्टूडेंट्स को मिले लैपटॉप: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विद्यार्थियों से की बातचीत

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भोपाल।

मध्यप्रदेश सरकार ने शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत 89,710 छात्रों को लैपटॉप प्रदान किए हैं। यह योजना उन छात्रों के लिए है जिन्होंने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में नरसिंहपुर की गीता लोधी को लैपटॉप सौंपा, जबकि अन्य छात्रों के बैंक खातों में ₹25,000 की राशि ट्रांसफर की गई, जिससे वे स्वयं लैपटॉप खरीद सकें।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से संवाद किया और उनकी पढ़ाई और भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चा की। छात्रों ने इस योजना के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह उनके शैक्षणिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


विद्यार्थियों ने साझा किए अपने अनुभव

“आज की दुनिया में इंटरनेट बहुत जरूरी” – गीता लोधी

कार्यक्रम में 98% अंक प्राप्त करने वाली नरसिंहपुर की गीता लोधी ने कहा,
“आज के समय में पढ़ाई के लिए इंटरनेट बहुत जरूरी है, और यह लैपटॉप मेरी पढ़ाई में बहुत मदद करेगा। यह हमारे परिवार का पहला लैपटॉप है। मेरे बड़े भाई मैनिट (MANIT) से इंजीनियरिंग कर रहे हैं, लेकिन उनके पास भी लैपटॉप नहीं है।”

इस पर मुख्यमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा,
“दोनों भाई-बहन मिलकर लैपटॉप शेयर कर लेना, लेकिन लड़ना मत।”

“अब IAS की तैयारी करूंगी” – स्नेहा त्यागी

मुरैना की स्नेहा त्यागी ने कहा,
“अब मुझे IAS की तैयारी करनी है और यह लैपटॉप मेरी बहुत मदद करेगा।”

मुख्यमंत्री ने स्नेहा से पूछा,
“हमें कब से जानती हो?”

इस पर स्नेहा ने जवाब दिया,
“एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में आपने मुझे ₹50,000 की स्कॉलरशिप दी थी।”

“मैं प्रदेश में 5वीं रैंक पर आई हूं” – मोनिका साहू

दमोह की मोनिका साहू ने बताया कि उन्होंने प्रदेश में पांचवीं रैंक प्राप्त की है और वे भी IAS बनना चाहती हैं

इस पर मुख्यमंत्री ने मजाक में पूछा,
“नेता नहीं बनना चाहती हो?”

इस पर सभी विद्यार्थी मुस्कुराने लगे।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: “काग चेष्टा सबके जीवन में जरूरी”

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा और मेहनत की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने संस्कृत के प्रसिद्ध श्लोक का जिक्र करते हुए कहा—
“काक चेष्टा, वको ध्यानं…”
हालांकि, उन्होंने इसमें संशोधन की आवश्यकता जताई और कहा कि यह सिर्फ विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि नेताओं और अधिकारियों के लिए भी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा,
“जीवन में आगे बढ़ने के लिए चतुराई और मेहनत आवश्यक है।”


विद्यार्थियों से सीधा संवाद: “नेता नहीं बनना चाहते हो?”

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने छात्रों से सीधे सवाल किए। भोपाल के प्रशांत राजपूत ने बताया कि उनके पिता की बंसल अस्पताल के सामने एक चाय की दुकान है और उनकी मां गृहिणी हैं। उन्होंने कहा,
“लैपटॉप मिलने से अब मैं अपनी पढ़ाई अच्छे से कर पाऊंगा।”

मुख्यमंत्री ने छात्रों से पूछा,
“कितने लोग नेता बनना चाहते हैं?”

इस सवाल पर कई विद्यार्थी मुस्कुरा दिए, लेकिन कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।


स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह: “शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण”

कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा,
“जिस सरकार की प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य होते हैं, वह सबसे संवेदनशील मानी जाती है। हमारी सरकार बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।”

उन्होंने आगे बताया कि 15 दिन पहले 8,000 विद्यार्थियों को पेट्रोल और ई-स्कूटी दी गई थी और अब लैपटॉप बांटे जा रहे हैं।


मेधावी छात्र योजना: 5 फरवरी को बांटी गई थीं ई-स्कूटियां

मध्यप्रदेश सरकार ने इससे पहले 12वीं बोर्ड परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने वाले 7,900 छात्रों को मुफ्त ई-स्कूटी भी प्रदान की थी। यह कार्यक्रम 5 फरवरी को भोपाल में आयोजित किया गया था।

तब मुख्यमंत्री ने कहा था,
“हमारी सरकार मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले ई-स्कूटी दी गई, और अब लैपटॉप भी दिए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को आधुनिक शिक्षा से कोई वंचित न रह जाए।”


मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे ये कार्यक्रम छात्रों के शैक्षणिक विकास और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रहे हैं। लैपटॉप और ई-स्कूटी जैसी योजनाएं न केवल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर रही हैं, बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त भी बना रही हैं। मुख्यमंत्री का यह कदम शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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