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March 13, 2025 9:44 PM

भारतीय मूल के पॉल कपूर बने दक्षिण एशियाई मामलों के प्रमुख राजनयिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया नामित

भारतीय मूल के पॉल कपूर बने दक्षिण एशियाई मामलों के प्रमुख राजनयिक, ट्रंप ने किया नामित

वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के पॉल कपूर को दक्षिण एशियाई मामलों के प्रमुख राजनयिक के रूप में नामित किया है। वर्तमान में यूनाइटेड स्टेट्स नेवल पोस्ट ग्रेजुएट स्कूल के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत कपूर को अगर सीनेट की मंजूरी मिलती है, तो वे डोनाल्ड लू की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 17 जनवरी, 2025 को समाप्त हो गया है।

इस नामांकन की जानकारी विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने लिखा, “दक्षिण एशियाई सुरक्षा मामलों के विद्वान पॉल कपूर को राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पद के लिए नामित किया है।”


अमेरिका-भारत साझेदारी के समर्थक और पाकिस्तान के आलोचक

पॉल कपूर अमेरिका-भारत संबंधों के मजबूत समर्थक माने जाते हैं और वे पाकिस्तान की नीतियों की खुली आलोचना करने वाले विशेषज्ञों में से एक हैं। उनके नामांकन से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति भारत के पक्ष में और मजबूत हो सकती है।

अगर सीनेट से उनकी नियुक्ति को मंजूरी मिल जाती है, तो वे अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं देंगे।


विदेश विभाग में पूर्व में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

पॉल कपूर पहले भी अमेरिकी विदेश विभाग में काम कर चुके हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान, वे नीति नियोजन स्टाफ में कार्यरत थे, जहां उन्होंने दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों, हिंद-प्रशांत रणनीति और अमेरिका-भारत संबंधों से जुड़े विषयों पर काम किया था।

दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों का ब्यूरो अमेरिका की विदेश नीति के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान से जुड़े मामलों को देखता है।


परमाणु नीति और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ

कपूर परमाणु रणनीति और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ भी हैं। उन्होंने ‘इंडिया, पाकिस्तान एंड द बम: डिबेटिंग न्यूक्लियर स्टेबिलिटी इन साउथ एशिया’ पुस्तक का सह-लेखन किया है और ‘द चैलेंजेज ऑफ न्यूक्लियर सिक्योरिटी: यूएस एंड इंडियन पर्सपेक्टिव्स’ के सह-संपादक भी रहे हैं। उनकी यह विशेषज्ञता उन्हें भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया में परमाणु स्थिरता और सुरक्षा मामलों को संभालने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है


शिक्षा और शोध कार्य

पॉल कपूर ने शिकागो विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। वे लंबे समय से दक्षिण एशियाई सुरक्षा, परमाणु नीति और अमेरिका-भारत संबंधों पर शोध कर रहे हैं। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव से अमेरिकी विदेश नीति में दक्षिण एशिया की भूमिका और प्रभाव को नई दिशा मिलने की संभावना है


नामांकन के पीछे का संकेत

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पॉल कपूर को इस पद के लिए नामित करना यह दर्शाता है कि अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति में भारत की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो सकती है। उनकी नियुक्ति से अमेरिका-भारत रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को और मजबूती मिलने की संभावना है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सीनेट उनकी नियुक्ति को कब तक मंजूरी देती है और उनके कार्यभार संभालने के बाद अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति में क्या बदलाव आते हैं

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