महाराष्ट्र में GBS के मरीजों की संख्या 192, 167 मामलों की पुष्टि
पुणे। महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक 192 संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से 167 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इस जानलेवा बीमारी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को पुणे में 37 वर्षीय युवक की मौत के साथ यह आंकड़ा बढ़ा। वर्तमान में 84 मरीज आईसीयू में हैं, जबकि 21 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन क्षेत्र में 39, पुणे ग्रामीण में 25, पिंपरी चिंचवड़ में 29 और पुणे से लगे गांवों में 91 एक्टिव केस हैं। वहीं, अन्य जिलों में 8 मरीजों का इलाज जारी है। इससे पहले, 7 फरवरी तक GBS मरीजों की संख्या 180 थी, जो अब 192 तक पहुंच गई है।
नांदेड़ में सबसे ज्यादा केस, RO प्लांट सील
GBS के सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से सामने आए हैं। जांच के दौरान वहां के पानी में Campylobacter jejuni बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है, जो इस बीमारी का प्रमुख कारण माना जाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषित पानी के कारण यह संक्रमण तेजी से फैला है। इस खतरे को देखते हुए प्रशासन ने नांदेड़ और आसपास के इलाकों में 11 निजी RO प्लांट सहित कुल 30 प्लांट को सील कर दिया है।
क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?
GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करने लगती है। इसके कारण मरीज को कमजोरी, सुन्नपन और चलने-फिरने में दिक्कत होती है। कुछ मामलों में यह सांस लेने की क्षमता पर भी असर डाल सकता है, जिससे मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ती है।
GBS के लक्षण:
✔️ शरीर में अचानक कमजोरी महसूस होना
✔️ हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
✔️ तेज बुखार और मांसपेशियों में दर्द
✔️ बोलने और निगलने में परेशानी
✔️ सांस लेने में कठिनाई
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलर्ट पर है। पुणे नगर निगम ने RO प्लांट्स की जांच के आदेश दिए हैं और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी टीमें बनाई गई हैं। स्वास्थ्य अधिकारी लगातार मरीजों की निगरानी कर रहे हैं और अस्पतालों में विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की अपील:
✅ उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पीएं
✅ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
✅ किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
✅ बिना जांचे RO या अन्य स्रोतों का पानी पीने से बचें
महाराष्ट्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस संक्रमण पर काबू पाया जा सकेगा।