इंफाल। मणिपुर में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है, लेकिन जब तक नया मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं हो जाता, बीरेन सिंह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते रहेंगे।
इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद, राज्यपाल ने 10 फरवरी को प्रस्तावित विधानसभा सत्र को भी रद्द कर दिया। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, राज्यपाल ने विधानसभा के चालू अधिवेशन को ‘शून्य और अमान्य’ घोषित कर दिया है। उन्होंने 24 जनवरी को जारी अपने पूर्व आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया था।
राजनीतिक अस्थिरता और संभावित परिदृश्य
मणिपुर में जारी राजनीतिक अस्थिरता के कारण इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बीरेन सिंह, जो राज्य में पिछले कुछ समय से अशांत हालातों के बीच सरकार चला रहे थे, उन्होंने भाजपा नेताओं और विधायकों की उपस्थिति में राजभवन में अपना इस्तीफा सौंपा। अपने कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार के समर्थन के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।
विधानसभा सत्र रद्द होने से मणिपुर की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दल आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इस स्थिति को लेकर आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई: उग्रवादियों के ठिकाने ध्वस्त
राजनीतिक अस्थिरता के बीच, मणिपुर में सुरक्षाबलों और पुलिस ने हिल और वैली जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में अभियान चलाकर उग्रवादियों के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस अभियान में बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए।
मणिपुर पुलिस के अनुसार, बिष्णुपुर जिले के सागांग और नाओदाखोंग पहाड़ी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के दौरान निम्नलिखित हथियार और उपकरण बरामद किए गए:
- एक एके-56 राइफल
- एक एसएमसी कार्बाइन
- तीन सिंगल बैरल बंदूकें
- बुलेटप्रूफ कवर और प्लेट
- आंसू गैस के छह गोले
- छह 36 एचई ग्रेनेड
- विभिन्न कैलिबर की जिंदा गोलियां
- चार आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस)
इसके अलावा, लामलाई थाना क्षेत्र के तेल्लौ मखा लाइकाई में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनआरएफएम के एक ठिकाने पर छापा मारकर सात उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान निम्नलिखित नामों से हुई है:
- मोइरांगथेम सोमोकांता सिंह (26)
- थोंगम इबोटन सिंह (34)
- हैसानम रोहित मैतेई (32)
- याइखोम इनाओ सिंह (20)
- नामैरकपम जोतिन मैतेई (33)
- निंगथौजम प्रेमकुमार सिंह (32)
- हेमाम जॉन सिंह (33)
इनके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए, जिसमें शामिल हैं:
- एक ए1 असॉल्ट राइफल
- एक एके-47 राइफल
- दो इंसास राइफल
- दो एसएलआर
- बुलेटप्रूफ जैकेट
- मोबाइल फोन और अन्य सामान
थौबल जिले में पुलिस चौकी पर हमला
एक अन्य बड़ी घटना में, लगभग 30 हथियारबंद बदमाशों ने थौबल जिले के ककमयाई पुलिस चौकी पर हमला कर वहां तैनात पुलिसकर्मियों को अपने कब्जे में ले लिया। इस हमले के दौरान उन्होंने पुलिस चौकी से छह एसएलआर और तीन एके-47 राइफलों समेत कुल नौ हथियार लूट लिए।
हालांकि, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर, हीजाम निंगथेम सिंह (49) को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पाया गया कि वह प्रतिबंधित संगठन केसीपी (कांगलेइपक कम्युनिस्ट पार्टी) का सदस्य है।
मणिपुर की स्थिति और आगे की राह
मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चुनौतियों के बीच, राज्य की स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद नया नेतृत्व कौन संभालेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। वहीं, सुरक्षाबलों की कार्रवाई से उग्रवादियों पर दबाव बना है, लेकिन पुलिस चौकी पर हमले जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति को दर्शाती हैं।
राज्य में राजनीतिक दलों की आगामी रणनीति और सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आगामी दिनों में राज्यपाल की ओर से कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है, जिससे मणिपुर की राजनीति की दिशा तय होगी।