भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के प्रथम समाधि स्मृति दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में आयोजित गुरु गुणानुवाद सभा में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आचार्य विद्यासागर जी की जीवंत शिक्षाओं और उनके योगदान को याद किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज का योगदान भारतीय समाज में विशेष रूप से धर्म, अहिंसा, और सत्य के प्रति उनके अडिग समर्पण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे न केवल एक महान आचार्य थे, बल्कि उनके विचारों ने लाखों लोगों को जीवन में सही दिशा दिखाने का काम किया।
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गुरु गुणानुवाद सभा में डॉ. मोहन यादव ने कहा, “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज ने भारतीय संस्कृति और धर्म को एक नई ऊँचाई दी। उनका जीवन सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के लिए हमें उनके सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और एकता, सद्भाव और अहिंसा को बढ़ावा देना चाहिए। आचार्य विद्यासागर जी का जीवन हमेशा हमें यह याद दिलाता रहेगा कि हमें अपने कर्मों और विचारों को शुद्ध और नैतिक बनाना चाहिए।
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समाधि स्मृति दिवस के इस आयोजन में विधानसभा के सदस्यगण, प्रमुख समाजसेवी, और श्रद्धालु उपस्थित थे। इस अवसर पर आचार्य विद्यासागर जी के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं और उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों पर भी चर्चा की गई। सभा में उनके अनुयायियों ने आचार्य जी के सिद्धांतों और उपदेशों को फैलाने के लिए अपने संकल्प को दृढ़ किया।
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मुख्यमंत्री ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के शिष्यों और अनुयायियों से आह्वान किया कि वे उनके विचारों और कार्यों को समाज में लागू करें, ताकि एक आदर्श और उन्नत समाज का निर्माण हो सके।