नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों को लेकर पूर्व सर्वेक्षणों ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने का अनुमान व्यक्त किया है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा सत्ता में आने के बाद किसी महिला नेता को ही मुख्यमंत्री बना सकती है। यदि ऐसा हुआ तो दिल्ली को चौथी महिला मुख्यमंत्री मिलेगी। वर्तमान में आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना इस पद पर हैं, जो पिछले वर्ष मुख्यमंत्री बनी थीं।
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री से अब तक का सफर
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज बनी थीं, जिन्होंने 1998 में 52 दिनों तक मुख्यमंत्री पद संभाला था। उनके बाद कांग्रेस की शीला दीक्षित ने 15 वर्षों तक राजधानी की कमान संभाली। शीला दीक्षित के बाद आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। यदि भाजपा भी किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाती है, तो यह परंपरा जारी रहेगी।
कौन हो सकता है भाजपा का चेहरा?
भाजपा की ओर से दो प्रमुख नाम इस दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं – स्मृति ईरानी और बांसुरी स्वराज।
बांसुरी स्वराज: मां सुषमा स्वराज की विरासत को आगे बढ़ाने की तैयारी
बांसुरी स्वराज, पूर्व मुख्यमंत्री और विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज की बेटी हैं। वह पेशे से वकील हैं और भाजपा में हाल के वर्षों में सक्रिय रूप से उभरती हुई नेता के रूप में देखी जा रही हैं। भाजपा ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है, जहां उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से है।
बांसुरी स्वराज का जन्म 1982 में दिल्ली में हुआ। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री प्राप्त की है। वर्ष 2023 में उन्हें दिल्ली भाजपा विधि प्रकोष्ठ की प्रदेश सह-संयोजक बनाया गया था। वर्तमान में वह दिल्ली भाजपा की प्रदेश मंत्री भी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बांसुरी स्वराज की राजनीतिक छवि मजबूत है और उनके अंदर उनकी मां सुषमा स्वराज की झलक देखी जा सकती है। वह मीडिया और जनता के बीच अपनी बेबाक शैली के लिए जानी जाती हैं, जिससे कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है।
स्मृति ईरानी: मोदी सरकार की कद्दावर नेता
स्मृति ईरानी भाजपा की कद्दावर नेता हैं और उन्हें आक्रामक व प्रभावी नेता के रूप में जाना जाता है। हालांकि, उन्हें इस बार दिल्ली से टिकट नहीं मिला, लेकिन वह भाजपा की स्टार प्रचारक बनी हुई हैं। उनके प्रचार अभियान में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा महिला सशक्तिकरण के अपने एजेंडे को मजबूत करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है।
स्मृति ईरानी पूर्व में अमेठी से सांसद रह चुकी हैं, जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। हालांकि, वह पिछला चुनाव हार गईं। अमेठी उनके लिए एक नई जगह थी, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया और पार्टी नेतृत्व के विश्वास पर खरी उतरीं।
क्या भाजपा महिला मुख्यमंत्री पर दांव लगाएगी?
अगर भाजपा सत्ता में आती है और किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाती है, तो यह दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव होगा। महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में यह पार्टी की बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि भाजपा अपने मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुनती है – युवा वकील बांसुरी स्वराज, जो अपनी मां की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा सकती हैं, या अनुभवी और आक्रामक नेता स्मृति ईरानी, जो भाजपा की एक मजबूत नेता मानी जाती हैं।
अंतिम निर्णय भाजपा आलाकमान को लेना है, लेकिन एक बात तय है कि अगर दिल्ली को चौथी महिला मुख्यमंत्री मिलती है, तो यह महिला नेतृत्व की निरंतरता को दर्शाएगा और दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय जोड़ेगा।