भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज भारतीय किसान संघ (भाकिसं) के बैनर तले हजारों किसान इकट्ठा हो गए हैं। यह धरना लिंक रोड नंबर-1 पर स्थित भाकिसं ऑफिस के सामने शुरू हुआ है। किसानों की प्रमुख मांगें बिजली बिलों में बढ़ोतरी, कृषि फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और राजस्व विभाग में सुधार हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है और वे अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
वल्लभ भवन का घेराव और पुलिस की तैयारी
किसान संघ ने अपनी योजना के अनुसार दोपहर 3 बजे के बाद वल्लभ भवन का घेराव करने का ऐलान किया है। इस घेराव के चलते पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है और बेरिकेडिंग की व्यवस्था की है ताकि प्रदर्शनकारी आगे न बढ़ सकें। पुलिस की बड़ी तादाद भी तैनात की गई है ताकि किसी भी तरह के हिंसक आंदोलन को रोका जा सके।
किसान संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने बाहर से आने वाले किसानों को रोका तो वे वहीं पर धरना शुरू कर देंगे। इसके चलते गांव-गांव में किसान संघ के पदाधिकारी पहले से किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
किसानों की समस्याएं और प्रशासन की निष्क्रियता
किसान संघ का कहना है कि पिछले कई महीनों से वे कलेक्टर के पास किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इन समस्याओं में फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन जैसे मुद्दे शामिल हैं, जिन्हें लेकर किसान परेशान हैं।
किसान संघ के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा, “प्रदेश में राजस्व विभाग की लूट से किसान परेशान हैं। मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिए जाने के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। इसलिए किसान अब सड़कों पर आकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं।”
बिजली बिलों में वृद्धि से किसान नाराज
किसानों का कहना है कि बिजली विभाग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन में हॉर्स पावर की वृद्धि के कारण किसानों को अब बढ़े हुए बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। कई किसानों का आरोप है कि बिजली कंपनियां बिना जांच किए कनेक्शन का भार बढ़ा रही हैं, जिसके कारण उन्हें अत्यधिक बिल भरने पड़ रहे हैं। किसानों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आंदोलन का आह्वान किया है।
गांव-गांव में किसान बैठकें और प्रदर्शन में भागीदारी
किसान संघ के पदाधिकारियों ने ग्राम समितियों से लेकर प्रांत स्तर तक विभिन्न गांवों में बैठकों का आयोजन किया है। इन बैठकों में किसानों को उनकी समस्याओं के बारे में जागरूक किया गया और अन्नदाता अधिकार रैली तथा वल्लभ भवन घेराव में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया। कई किसान अलग-अलग जिलों से राजधानी भोपाल पहुंचे हैं। इनमें से कुछ ग्वालियर से ट्रेन द्वारा भोपाल पहुंचे हैं और प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।
पुलिस ने क्षेत्र में तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की
पुलिस ने धरना स्थल के आसपास के क्षेत्र में बेरिकेडिंग की है और वल्लभ भवन जाने वाले मार्ग पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। विशेष ध्यान दिया गया है कि ठंडी सड़क, शौर्य स्मारक और हनुमान मंदिर के पास किसानों की गिरफ्तारी की जाएगी। गिरफ्तार किए गए किसानों को बाद में चिनार पार्क में अस्थायी जेल में रखा जा सकता है।
किसान आंदोलन के बढ़ते प्रभाव से प्रदेश सरकार पर दबाव
भारतीय किसान संघ का यह आंदोलन प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। किसानों के मुद्दों को लेकर किसानों का गुस्सा उबाल पर है और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे। वहीं, पुलिस प्रशासन भी हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
किसान संघ ने आगामी दिनों में और भी बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है, अगर सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती है।