सुबह 10 बजे तक 81.24 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान, महाकुंभ में तीसरा और आखिरी अमृत स्नान
प्रयागराज। वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। श्रद्धा, भक्ति और आस्था का महासंगम देखने को मिल रहा है। हाथों में तलवार, गदा, डमरू और शंख लिए, शरीर पर भभूत रमाए, आँखों पर काला चश्मा पहने, घोड़े और रथ पर सवार साधु-संतों का समूह हर-हर महादेव के जयघोष के साथ संगम में स्नान के लिए पहुंच रहा है। सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संतों ने संगम में स्नान किया, इसके बाद सबसे बड़े जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े ने अमृत स्नान किया। एक-एक करके कुल 13 अखाड़ों ने स्नान किया।
श्रद्धालुओं का सैलाब और विदेशों से आगंतुकों की भीड़
साधु-संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर उमड़े हैं। नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगाकर भक्त पुण्य लाभ कमा रहे हैं। इस ऐतिहासिक आयोजन को देखने के लिए 20 से अधिक देशों से पर्यटक और श्रद्धालु संगम पहुंचे हैं। संगम क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह और बढ़ गया। संगम जाने वाले सभी रास्तों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, जिससे 10 किमी तक केवल जनसैलाब ही नजर आ रहा है। प्रयागराज जंक्शन से संगम तक 8-10 किमी की दूरी श्रद्धालु पैदल तय कर रहे हैं। भीड़ को देखते हुए प्रसिद्ध लेटे हनुमान मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियां
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए 100 से अधिक नए आईपीएस अधिकारी तैनात किए गए हैं। हेलिकॉप्टर से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है, साथ ही 2,750 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर एक विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहाँ से डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं सुबह 3:30 बजे से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
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स्नान का विशाल आंकड़ा और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
सुबह 10 बजे तक 81.24 लाख श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान कर चुके थे। महाकुंभ का आज 22वां दिन है और 13 जनवरी से अब तक 34.97 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि वसंत पंचमी के इस पावन पर्व पर 3 से 4 करोड़ लोग स्नान कर सकते हैं।
महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का संदेश
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा, “मैं विश्व कल्याण, सशक्त भारत और शिक्षित भारत के लिए इस पावन स्नान में सम्मिलित हो रहा हूँ। हम पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने के लिए भी यह अवसर मना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई व्यवस्थाएँ अत्यंत सराहनीय हैं।”
आस्था, उत्साह और उल्लास का वातावरण
संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ा हुआ है। हर मार्ग, चाहे वह लाल मार्ग हो, काली मार्ग हो या त्रिवेणी मार्ग, श्रद्धालुओं से भरा हुआ है। चारों ओर भक्ति की लहर दौड़ रही है। मौनी अमावस्या स्नान पर्व के दौरान हुई अव्यवस्थाओं से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के लिए सेफ कॉरिडोर बनाया है, जिससे शाही सवारियों के निकलने के दौरान आम श्रद्धालु प्रभावित न हों।
गगनभेदी जयघोष और संगम की ओर बढ़ते श्रद्धालु
करीब 12 किमी के दायरे में फैले संगम के घाटों पर केवल श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं। कोई दंड-कमंडल लिए हुए तो कोई सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए संगम की ओर बढ़ता दिख रहा है। चारों ओर ‘जय गंगा मैया’, ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी जयघोष गूंज रहे हैं। इस भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए मेले में वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वसंत पंचमी के इस पावन अवसर पर अमृत स्नान की व्यवस्थाओं की स्वयं निगरानी की। सुबह 3:30 बजे से ही वे लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में बनाए गए विशेष वॉर रूम में सक्रिय रहे। उन्होंने डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पल-पल की जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
महाकुंभ में वसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं का अद्भुत उत्साह देखने को मिला। आस्था, सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के बेहतरीन प्रबंधन के कारण श्रद्धालु निर्बाध रूप से संगम स्नान कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में प्रशासन ने महाकुंभ को सफलतापूर्वक संचालित किया है, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो रहा है।