प्रयागराज, 2 फरवरी 2025 – महाकुंभ का आयोजन इस बार अत्यधिक भीड़ के साथ जारी है। 21वें दिन तक, 34.33 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है, और 2 से 4 फरवरी तक वसंत पंचमी के विशेष स्नान को लेकर प्रशासन ने और अधिक तैयारियां की हैं।
प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में एक दिन पहले, 1 फरवरी को 72.36 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इस दिन के विशेष महत्व के कारण, इस बार वसंत पंचमी पर 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर और मेले के मुख्य क्षेत्रों में कड़ी निगरानी का इंतजाम किया है। हेलिकॉप्टर से भी भीड़ पर नजर रखी जा रही है।
वसंत पंचमी के स्नान के दौरान सुरक्षा को और भी सख्त किया गया है। 2 से 4 फरवरी तक प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए हैं, और श्रद्धालुओं को अब अपने वाहन शहर के बाहर बनाए गए पार्किंग स्थलों में खड़ा करने होंगे। वहां से वे शटल बसों या पैदल घाटों तक पहुंच सकेंगे।
इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों पर भी वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू कर दी गई है, जिससे आने-जाने में कोई समस्या न हो। एक साइड से श्रद्धालु आ सकेंगे और दूसरी साइड से उनकी निकासी होगी।
साधु-संतों और पुलिस में नोकझोंक
महाकुंभ के दौरान एक विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस और साधु-संतों के बीच झड़प देखी गई। वीडियो में दिखाया गया कि पुलिस एक साधु की गाड़ी को बैरियर पर रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन साधु गाड़ी के साथ जबरदस्ती भीतर घुसने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान एक साधु ने बैरिकेड्स को गिरा दिया और उनका ड्राइवर गाड़ी को बैरिकेड्स को घसीटते हुए आगे बढ़ा ले गया।
पुलिसकर्मी ने साधु से कहा कि बिना अनुमति के उनकी गाड़ी अंदर नहीं जा सकती, जिसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस घटना को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, रविंद्र पुरी ने पुलिस प्रशासन पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि साधु-संतों की गाड़ियों को रोकना गलत है और महिला महामंडलेश्वर की गाड़ी को रोके जाने पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन के संबंध में वसंत पंचमी के स्नान को लेकर एक विशेष समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2 और 3 फरवरी महाकुंभ के लिए चुनौतीपूर्ण दिन होंगे, क्योंकि इन दिनों भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रशासन को तत्पर रहने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
धीरेंद्र शास्त्री का बयान
महाकुंभ में हुई एक और चर्चा का विषय साधू संतों के बीच मोक्ष के बयान पर थी। संत धीरेंद्र शास्त्री द्वारा दिए गए बयान को लेकर विवाद हुआ था। उन्होंने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। उनका कहना था कि भारतीय वैदिक परंपरा में गंगा के किनारे मृत्यु के बाद मोक्ष की अवधारणा है, जिसका वह समर्थन करते हैं।
महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा, व्यवस्थाएं और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, ताकि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था न हो।