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February 5, 2025 11:02 PM

आर्थिक विकास की ओर कदम: बजट 2025 का विस्तृत विश्लेषण

"Detailed analysis of Budget 2025: Tax slab changes, what's cheaper and costlier, state-wise allocations, and economic impact

आर्थिक विकास की ओर कदम: बजट 2025 का विस्तृत विश्लेषण

हर साल की तरह, इस साल का बजट भी कई उम्मीदों और चिंताओं के बीच पेश किया गया है। इसमें कई अहम घोषणाएं की गई हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों पर असर डालेंगी। आइए, इस बजट का गहराई से विश्लेषण करें।

मुख्य बिंदु:

  • वित्त मंत्री की प्राथमिकताएं: इस साल का बजट आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है। इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा में बड़े निवेश की घोषणा की गई है। साथ ही, हरित ऊर्जा और तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं पेश की गई हैं।
  • टैक्स में बदलाव: व्यक्तिगत आयकर स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कॉरपोरेट टैक्स में थोड़ी राहत दी गई है, खासकर नई स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए। इन बदलावों से उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
  • कृषि क्षेत्र: किसानों के लिए कृषि लोन की सीमा बढ़ा दी गई है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फोकस रखा गया है। इसके अलावा, जैविक खेती और स्मार्ट कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए अनुदान की घोषणा की गई है।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था: डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए नए इंसेंटिव्स और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल की घोषणा की गई है। सरकार ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

सस्ता और महंगा:

  • सस्ता हुआ: इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर पैनल, LED बल्ब, कृषि उपकरण और मेड इन इंडिया मोबाइल फोन सस्ते हुए हैं।
  • महंगा हुआ: आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना-चांदी, शराब, विदेशी कारें और तंबाकू उत्पाद महंगे हुए हैं।

राज्यों को क्या मिला?

  • उत्तर प्रदेश: एक्सप्रेसवे और रेलवे विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये।
  • महाराष्ट्र: मुंबई मेट्रो विस्तार और स्मार्ट सिटी योजना के लिए 12,500 करोड़ रुपये।
  • बिहार: बाढ़ राहत और सिंचाई परियोजनाओं के लिए 8,000 करोड़ रुपये।
  • पश्चिम बंगाल: बंदरगाह विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपये।
  • तमिलनाडु: विनिर्माण उद्योग और टेक पार्क के लिए 9,500 करोड़ रुपये।

तुलनात्मक विश्लेषण:

  • पिछले साल के बजट में भी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य पर फोकस था, लेकिन इस बार राशि में 15% की वृद्धि की गई है।
  • पिछले वर्ष की तुलना में शिक्षा के बजट में 10% की बढ़ोतरी की गई है, जिसमें डिजिटल लर्निंग को खास तरजीह दी गई है।
  • इस बार अनुसंधान एवं विकास (R&D) के लिए 8,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक है।

महत्वपूर्ण आंकड़े:

  • वित्तीय घाटा: इस साल का वित्तीय घाटा GDP का 5.5% है, जो पिछले साल के 6% से कम है।
  • जीडीपी ग्रोथ: आगामी वित्तीय वर्ष में GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान है।
  • राजस्व संग्रहण: इस साल का टैक्स रेवेन्यू टारगेट 30 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 12% ज्यादा है।
  • स्वास्थ्य बजट: इस साल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 18% अधिक है।

बजट का प्रभाव:

  • शेयर बाजार: बजट के बाद बाजार में थोड़ी स्थिरता आई है, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर और IT कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा गया है।
  • आम जनता पर प्रभाव: मध्यमवर्ग के लिए सीधा राहत पैकेज ना होने से कुछ निराशा है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार से दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद की जा रही है।
  • रोजगार: सरकार ने 2 करोड़ नए रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है, जिसमें स्टार्टअप और MSME सेक्टर को मुख्य रूप से शामिल किया गया है।

निष्कर्ष:
यह बजट दीर्घकालिक लक्ष्यों पर केंद्रित है और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए ठोस कदम उठाता है। हालांकि, कुछ वर्गों की तत्काल अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाई हैं, फिर भी आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।


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