मुंबई, 13 जनवरी 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी को महाराष्ट्र के मुंबई शहर का दौरा करेंगे, जो कि विधानसभा चुनाव के बाद उनका पहला दौरा होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नौसेना के युद्धपोतों और पनडुब्बी को भारतीय समुद्री बेड़े में शामिल करेंगे, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत में और वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:30 बजे मुंबई के प्रतिष्ठित नौसेना डॉकयार्ड में तीन महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे। इनमें दो युद्धपोत – आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरी, और एक पनडुब्बी आईएनएस बाग्शीर शामिल होंगे। इन युद्धपोतों और पनडुब्बी के बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना की रणनीतिक और सुरक्षा क्षमताओं में और सुधार होगा, जो समुद्र में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा।
इस मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी भारतीय नौसेना के उच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और भारतीय सेना की ताकत को और मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करेंगे। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के विधायकों से भी बातचीत करेंगे और उनसे राज्य के विकास कार्यों पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 3:30 बजे नवी मुंबई के खारघर में स्थित ईश्वर कृष्ण मंदिर (इस्कॉन) का उद्घाटन करेंगे। यह एक विशाल मंदिर परिसर है, जो लगभग 9 एकड़ में फैला हुआ है। इस परियोजना में कई देवी-देवताओं के मंदिरों के अलावा एक वैदिक शिक्षा केंद्र, एक प्रस्तावित संग्रहालय, एक सभागार और उपचार केंद्र शामिल हैं। इस्कॉन मंदिर का उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से सार्वभौमिक भाईचारे, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है।
इस्कॉन मंदिर में भक्तों के लिए ध्यान और प्रार्थना की व्यवस्था की जाएगी, और साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को वैदिक संस्कृतियों और शिक्षाओं से संबंधित जानकारी भी प्रदान की जाएगी। इस परियोजना को राज्य सरकार की मदद से लागू किया गया है और यह महाराष्ट्र में एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल बन सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों से भी मुलाकात का एक अवसर होगा, जिसमें वे राज्य की राजनीतिक स्थिति और विकास योजनाओं पर चर्चा करेंगे। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का मुंबई दौरा सिर्फ सैन्य और धार्मिक आयोजनों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहेगा।