मशहूर फिल्म निर्माता, लेखक और पत्रकार प्रीतीश नंदी का बुधवार को 73 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनकी निधन की जानकारी बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के जरिए दी। प्रीतीश नंदी को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में उनकी प्रमुख फिल्मों के लिए जाना जाता है, जिनमें चमेली, सुर और हजारों ख्वाहिशें ऐसी जैसी चर्चित फिल्में शामिल हैं। इसके साथ ही, वे एक समय में राज्यसभा सांसद भी रहे थे, जहां उन्होंने मीडिया और फिल्म उद्योग में अपने योगदान के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रीतीश नंदी का प्रारंभिक जीवन और करियर
प्रीतीश नंदी का जन्म 15 जनवरी 1951 को बिहार के भागलपुर जिले में हुआ था। वे एक सशक्त पत्रकार और लेखक भी थे और भारतीय मीडिया की दुनिया में उनका एक अलग ही स्थान था। उन्होंने द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया के संपादक के रूप में अपनी पहचान बनाई और हमेशा अपने निर्भीक विचारों के लिए प्रसिद्ध रहे। पत्रकारिता में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण की दिशा में भी कदम रखा और फिल्म इंडस्ट्री में एक नई राह बनाई।
फिल्म निर्माण में योगदान
प्रीतीश नंदी का नाम भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में उस समय प्रमुख हुआ जब उन्होंने कुछ विशेष फिल्मों का निर्माण किया, जिनमें चमेली (2004), सुर (2005) और हजारों ख्वाहिशें ऐसी (2003) जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में उन्होंने समाज की विभिन्न समस्याओं को प्रस्तुत किया और सामाजिक विषयों पर बेबाकी से बात की। उनकी फिल्मों में गहरी संवेदनशीलता और अनूठी कहानी शैली देखने को मिली।
प्रीतीश नंदी की पत्रकारिता और साहित्य में भी मजबूत पहचान
प्रीतीश नंदी का साहित्यिक और पत्रकारिता क्षेत्र में भी अहम योगदान रहा। वे न केवल एक कुशल पत्रकार थे, बल्कि लेखन के क्षेत्र में भी उनकी गहरी रुचि थी। उनके लेख और विचार हमेशा समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर होते थे। उनके निधन के बाद मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है, क्योंकि उन्होंने भारतीय पत्रकारिता और सिनेमा में अपार योगदान दिया।
अनुपम खेर की श्रद्धांजलि
फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने प्रीतीश नंदी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा। उन्होंने कहा, “मैं यह सुनकर बेहद दुखी और स्तब्ध हूं कि मेरे सबसे प्रिय और करीबी दोस्तों में से एक, प्रीतीश नंदी का निधन हो गया है। वह एक अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और बहादुर तथा अनोखे पत्रकार थे। मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वह मेरे सपोर्ट सिस्टम और ताकत का बड़ा स्रोत रहे।” अनुपम खेर ने उन्हें अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा और सच्चे दोस्त के रूप में याद किया।
फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर
प्रीतीश नंदी के निधन ने फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर पैदा कर दी है। उनकी फिल्मों, पत्रकारिता और अद्वितीय विचारों ने न केवल मनोरंजन जगत को प्रभावित किया, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर किया। उनका निधन न केवल भारतीय फिल्म उद्योग, बल्कि पत्रकारिता और साहित्य की दुनिया के लिए भी एक बड़ी क्षति है।
प्रीतीश नंदी का निधन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री, पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में एक बड़ा खालीपन छोड़ गया है। उनकी फिल्मों और लेखन में जो गहरी संवेदनशीलता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता थी, वह उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए उनकी फिल्में और विचार हमेशा जीवित रहेंगे।