न्यूयॉर्क। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके खिलाफ चल रहे चर्चित “हश मनी केस” में 10 जनवरी 2025 को अदालत में पेश होना होगा। इस मामले में सजा पर फैसला मैनहट्टन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन सुनाएंगे। यह मामला डोनाल्ड ट्रंप के लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से ऐतिहासिक और संवेदनशील हो सकता है, क्योंकि वह राष्ट्रपति पद ग्रहण करने से पहले अदालत में दोषी के रूप में पेश होने वाले अमेरिका के पहले नेता होंगे।
क्या है मामला?
यह मामला एक पोर्न स्टार को कथित तौर पर “हश मनी” देने से जुड़ा है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपनी 2016 की राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान एक पोर्न स्टार को चुप्पी साधने के लिए धनराशि दी। यह धनराशि व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी कर छुपाई गई थी। मई 2023 में मैनहट्टन की जूरी ने इस मामले में ट्रंप को 34 आपराधिक आरोपों में दोषी ठहराया था।
सजा पर सुनवाई और जस्टिस मर्चन का रुख
न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने इस मामले को ऐतिहासिक बताते हुए ट्रंप की पेशी के लिए 10 जनवरी 2025 की तारीख तय की है। उन्होंने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि वह जूरी के फैसले को पलटने के पक्ष में नहीं हैं। ट्रंप ने अदालत में तर्क दिया था कि उनकी चुनावी जीत के बाद उन्हें इन आरोपों से मुक्त कर दिया जाना चाहिए, लेकिन अदालत ने इस दावे को खारिज कर दिया।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए चुनौतीपूर्ण समय
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है। ऐसे में 10 जनवरी की सुनवाई और संभावित सजा का मामला उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि विधि विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप को सजा मिलने की संभावना कम है।
अमेरिका के लिए ऐतिहासिक पल
यह मामला अमेरिकी इतिहास में अभूतपूर्व है, क्योंकि इससे पहले किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है। यदि ट्रंप अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होते हैं, तो यह अमेरिका और दुनिया के लिए एक अद्वितीय दृश्य होगा।
जूरी और ट्रंप की रणनीति
मई में मैनहट्टन की जूरी ने ट्रंप को व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेरफेर के 34 मामलों में दोषी ठहराया था। ट्रंप ने इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया था और इसे उनके खिलाफ चल रही राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा बताया। उन्होंने अपने समर्थकों से इसे “उनकी छवि को खराब करने की कोशिश” बताया है।
विधि विशेषज्ञों की राय
विधि विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले का ट्रंप के राजनीतिक करियर पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि ट्रंप को सजा मिलने की संभावना बहुत कम है, लेकिन अदालत का यह सख्त रुख उनकी सार्वजनिक छवि और चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है।
क्या हो सकता है आगे?
10 जनवरी की सुनवाई में ट्रंप व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअली उपस्थित हो सकते हैं। अगर उन्हें दोषी ठहराया जाता है और सजा सुनाई जाती है, तो यह अमेरिका की न्याय प्रणाली और राजनीतिक व्यवस्था के लिए एक असाधारण घटना होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप इस चुनौती से कैसे निपटते हैं और उनके समर्थक और विरोधी इसे किस तरह से लेते हैं।
सारांश
डोनाल्ड ट्रंप के लिए 10 जनवरी का दिन उनके राजनीतिक जीवन का एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। अदालत का फैसला सिर्फ ट्रंप के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका के न्याय और राजनीतिक इतिहास के लिए भी एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ सकता है।