भाजपा को जल्द मिल सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रविवार को नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में संगठनात्मक चुनावों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, सभी प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
जनवरी के अंत तक नया अध्यक्ष संभव
सूत्रों के अनुसार, भाजपा को जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह तक नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी में इस बदलाव को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा की जा रही है। हालांकि, भाजपा के संविधान के अनुसार, नए अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन चुनाव कराना अनिवार्य है।
राज्यों में भी होंगे बदलाव
राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर भी संगठन में बदलाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। 15 जनवरी तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों को बदला जा सकता है। इन राज्यों में संगठन को और मजबूत करने के लिए नए चेहरों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
बैठक में हुई अहम चर्चा
बैठक में संगठन चुनाव प्रक्रिया को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष के अलावा सभी राष्ट्रीय महासचिव, संगठनात्मक चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी शामिल थे। इसके अलावा, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री और चुनाव अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से इस फेरबदल की योजना बना रही है। इसके तहत न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि राज्य और जिला स्तर पर भी नए नेतृत्व को जिम्मेदारी दी जाएगी।
आगामी चुनावों पर नजर
भाजपा की यह रणनीति 2025 के विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है। पार्टी का लक्ष्य जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करना और आगामी चुनावों में अधिक प्रभावशाली प्रदर्शन करना है।
भाजपा में संगठनात्मक चुनाव और नेतृत्व परिवर्तन की यह प्रक्रिया पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति और राज्यों में बदलाव के साथ पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे को और प्रभावी बनाने के लिए तैयार है।