नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखी। यह परियोजना भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना है, जिसका उद्देश्य मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई और पेयजल की सुविधाओं को बेहतर बनाना है। साथ ही, यह परियोजना हरित ऊर्जा में 100 मेगावाट से अधिक योगदान सुनिश्चित करेगी। इस ऐतिहासिक परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के खजुराहो में किया, जहां वे कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए उनकी 100वीं जयंती पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी करने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की आधारशिला भी रखी। यह भवन ग्रामीण स्तर पर सुशासन को बढ़ावा देंगे और ग्राम पंचायतों के कार्यों में व्यावहारिक सहयोग प्रदान करेंगे।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का भी उद्घाटन किया। इस परियोजना का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना है और यह परियोजना सरकार के शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के मिशन में योगदान करेगी। इस परियोजना के पहले चरण का विद्युत उत्पादन अक्टूबर 2023 से शुरू हो चुका था और दूसरे चरण के लिए आवश्यक सहमति भी प्राप्त की जा चुकी है।
अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन
प्रधानमंत्री मोदी ने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन भी किया। मध्यप्रदेश की 23,000 ग्राम पंचायतों में से जिन ग्राम पंचायतों के पास भवन नहीं थे या जो जीर्ण-शीर्ण हो चुके थे, उन्हें नया भवन प्रदान किया जाएगा। प्रारंभ में 437.62 करोड़ रुपये की लागत से 1153 नए पंचायत भवन बनाए जाएंगे। यह पहल स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों के अनुरूप है, जिन्होंने हमेशा ग्राम पंचायत भवनों को ग्रामीण प्रशासन का मुख्य आधार माना था।
केन-बेतवा लिंक परियोजना: मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के शिलान्यास के साथ ही स्व. वाजपेयी का सपना साकार किया, जो कि नदी जोड़ो परियोजना का हिस्सा है। यह परियोजना मध्यप्रदेश के 10 जिलों और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के 4 जिलों में सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी। इस परियोजना से 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। साथ ही, 103 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री का बयान: बुंदेलखंड को मिलेगा लाभ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल सुविधाओं में भारी सुधार होगा। इस परियोजना से न केवल जल प्रबंधन बेहतर होगा, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और क्षेत्रीय विकास में मदद मिलेगी।
केन-बेतवा लिंक परियोजना की विशेषताएँ:
- देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना है जो 31 नदियों को जोड़ने के उद्देश्य से बनाई जा रही है।
- 77 मीटर लंबा और 2 किमी चौड़ा दौधन जलाशय और 230 किमी लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा।
- 103 मेगावाट जल-विद्युत उत्पादन होगा।
- 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति होगी।
- 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
- परियोजना की कुल लागत 45,000 करोड़ रुपये होगी, जिसमें 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठाएगी, जबकि राज्य अपना हिस्सा वहन करेंगे।
लाभार्थी जिले:
- मध्यप्रदेश: पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन।
- उत्तर प्रदेश: बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर।
प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम भारत के जल प्रबंधन और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना से न केवल मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी, बल्कि जल संसाधनों के बेहतर उपयोग से औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जुड़ी यह परियोजना उनके विज़न का प्रमाण है, जो भारतीय जनता के कल्याण के लिए हमेशा समर्पित रहे।