December 24, 2024 12:29 AM

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विधानसभा सत्र का आखिरी दिन, विपक्ष ने जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया; मंत्री ने ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड किया

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**Alt Text**: मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों को लेकर विपक्ष का हंगामा, मंत्री ने 249 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा की।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन था, और इस दौरान विपक्ष ने एक बार फिर जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया। पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के तहत किए गए काम की क्वालिटी खराब है। उन्होंने कहा कि जो पाइप लाइन डाली गई हैं, उनमें सीपेज की समस्या आ रही है और यह जनता के लिए बड़ी समस्या बन गई है। उन्होंने ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कहा कि यह मुद्दा पहले भी उठ चुका था, और संसदीय कार्य मंत्री ने एक महीने में जांच कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तीन महीने बीत चुके हैं और न तो जांच पूरी हुई है और न ही सदन के पटल पर इस मामले की कोई रिपोर्ट पेश की गई। वहीं, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि इस मामले का निष्पक्ष ऑडिट कराया जाए ताकि यह पता चल सके कि वर्तमान में स्थिति क्या है। उनका कहना था कि कुछ योजनाएं जो 2 साल में पूरी होनी थीं, वे 5 साल बाद भी अधूरी पड़ी हैं।

विपक्ष ने जल जीवन मिशन की गुणवत्ता की जांच के लिए विधायकों की एक समिति बनाने की मांग की। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि गड़बड़ी करने वाले 249 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। मंत्री ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई कड़ी निगरानी के तहत की गई है और जल्द ही अन्य ठेकेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, कांग्रेस विधायक आज संविधान की प्रतियां लेकर विधानसभा पहुंचे थे। वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए बयान का विरोध कर रहे थे, जिसमें उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी की थी। विपक्ष ने इसे संविधान का अपमान करार दिया और गृह मंत्री से माफी की मांग की। उमंग सिंघार ने कहा कि मोदी और शाह द्वारा अंबेडकर पर की गई टिप्पणी से संविधान का अपमान हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब राहुल गांधी और खड़गे ने इस मुद्दे को उठाया, तो बीजेपी सांसदों ने उन पर धक्का-मुक्की की और झूठे आरोप लगाए। उन्होंने मांग की कि शाह माफी मांगें और राहुल गांधी पर दर्ज किए गए झूठे मामले को वापस लिया जाए।

अशासकीय संकल्पों पर चर्चा

शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन दो अशासकीय संकल्प भी मंजूर किए गए। हरदा विधायक आरके दोगने ने जबलपुर व्हाया बुधनी-हरदा रेलवे लाइन को देवास के संदलपुर तक जोड़ने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वानुमति से स्वीकृत कर लिया गया। दूसरा संकल्प यादवेंद्र सिंह ने गुना, अशोकनगर, ललितपुर, टीकमगढ़, बुडेरा, छतरपुर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का रखा। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए पत्र लिखा गया है।

आदिवासी ब्लॉक पर सवाल

विधायक चैन सिंह बरकड़े ने आदिवासी ब्लॉक में खर्च हुए बजट की जानकारी मांगी, तो मंत्री विजय शाह ने कहा कि अब 89 नहीं, 88 आदिवासी ब्लॉक हैं। ओमकार मरकाम ने आरोप लगाया कि सरकार ने आदिवासियों का एक ब्लॉक कम कर दिया है, जबकि मंत्री ने कहा कि यह कार्य दिग्विजय सिंह सरकार के दौरान हुआ था।

जल जीवन मिशन की जांच के लिए समिति का प्रस्ताव

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने जल जीवन मिशन के तहत किए गए कार्यों की जांच के लिए विधायकों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जब वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री थे, तब जल निगम का गठन हुआ था और उसी के तहत यह मिशन कार्यान्वित किया जा रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि कई योजनाओं का काम समय से नहीं हुआ और यह सदन की समिति के माध्यम से स्पष्ट किया जाना चाहिए कि सरकार के पैसे का सही उपयोग हो रहा है या नहीं।

इस तरह, विधानसभा सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने जल जीवन मिशन और अन्य मुद्दों पर जोरदार बहस की और सरकार से जवाबतलब किया।

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