भारत में 6जी सेवा की शुरुआत 2030 तक हो सकती है, और यह तकनीकी दृष्टि से बहुत बड़ी छलांग साबित हो सकती है। 6जी सेवा की गति 5जी से 100 गुना ज्यादा होगी, जिससे डेटा ट्रांसफर की गति और नेटवर्क कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इस नेटवर्क के लिए शहरों और गांवों में बड़े-बड़े टावर स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि यह सेवा नए प्रकार के सेंसर आधारित नेटवर्क पर काम करेगी, जिन्हें रोड-लाइट्स और बिजली मीटर जैसे छोटे उपकरणों पर स्थापित किया जाएगा।
6जी नेटवर्क की विशेषताएं
आईआईटी-बीएचयू (Indian Institute of Technology-Banaras Hindu University) में आयोजित 19वें ईएआई बॉडीनेट्स 2024 कार्यक्रम के दौरान 6जी तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए, 6जी के डायरेक्टर जनरल राजेश कुमार पाठक ने बताया कि भारत 2030 तक 6जी सेवा लॉन्च करेगा। यह सेवा 5जी से 100 गुना तेज होगी।
पाठक ने बताया कि 6जी नेटवर्क को स्थापित करने के लिए बड़े टावरों की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, इलेक्ट्रीकल पोल पर लगी रोड लाइट्स और बिजली मीटर जैसे छोटे सेंसर के रूप में इसका नेटवर्क काम करेगा। ये सेंसर लगभग 8 किलोग्राम तक के वजन के होंगे। इस तकनीक से न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी 6जी की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
भारत की भूमिका और मेक इन इंडिया पहल
पाठक ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत इस नई तकनीक को लेकर पूरी दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि अब तक भारत ने 4जी और 5जी तकनीक में दुनिया का अनुसरण किया था, लेकिन 6जी में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल होगा। इसके लिए भारत के आईटी और शोध विशेषज्ञों ने काम करना शुरू कर दिया है और वे अब तक 6जी के लिए जरूरी स्पेक्ट्रम, सेंसर, डिवाइस, और अन्य उपकरणों का गहराई से शोध कर रहे हैं। पाठक ने यह भी कहा कि 6जी में उपयोग होने वाली सभी डिवाइस भारत में निर्मित होंगी, और इस दिशा में भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी।
6जी नेटवर्क और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
6जी नेटवर्क के निर्माण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी बड़ा योगदान होगा। पाठक ने बताया कि इस नेटवर्क में सेटेलाइट नेटवर्क का भी उपयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा, AI की मदद से नेटवर्क सिस्टम इतना स्मार्ट होगा कि डिवाइस आपस में संवाद करेंगे और एक-दूसरे की जरूरत के अनुसार काम करेंगे। उदाहरण के लिए, मोबाइल ट्रैफिक का प्रबंधन भी AI द्वारा स्वतः किया जाएगा, जिससे नेटवर्क की गति और गुणवत्ता में काफी सुधार होगा।
6जी के लिए अनुसंधान
पाठक ने कहा कि भारत के संस्थान और इंडस्ट्रीज 6जी स्पेक्ट्रम पर गहराई से शोध कर रहे हैं। भारत इस शोध के दौरान कई नई तकनीकों को विकसित कर रहा है, जो वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा तय करेंगी। 6जी को “एडवांस 5जी” भी कहा जा सकता है, जो 5जी की सीमाओं को पार करके और भी ज्यादा तेज़ी, सुरक्षा और नेटवर्क कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करेगा।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा
राजेश कुमार पाठक ने यह भी बताया कि दुनियाभर में अभी तक कहीं भी 6जी नेटवर्क लॉन्च नहीं हुआ है, और भारत इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। 2030 तक भारत की यह 6जी सेवा पूरी दुनिया में तकनीकी मानक स्थापित करने के लिए अहम कदम साबित होगी।
6जी के उपयोग और लाभ
6जी के आने से न केवल इंटरनेट की गति में सुधार होगा, बल्कि यह स्मार्ट सिटीज, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, हेल्थकेयर, और अन्य उद्योगों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। 6जी की इस नई तकनीक से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और ज्यादा मजबूती मिलेगी और साथ ही यह भारत को एक वैश्विक तकनीकी नेता के रूप में स्थापित करेगा।
भारत का यह कदम निश्चित रूप से तकनीकी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा, जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक नया युग शुरू करेगा।