• मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ
  • 14 लोगों को मलबे से निकालकर जीटीबी अस्पताल भेजा गया

नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब करीब ढाई बजे एक चार मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई। इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मलबे में 10 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है। 14 लोगों को मलबे से निकालकर जीटीबी अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने 4 को मृत घोषित किया। घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों के लिए मौके पर एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस की टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं। डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया कि रात करीब 2:50 बजे घटना की सूचना मिली थी, जिसके बाद फौरन टीमों को रवाना किया गया।

क्या वजह बना तेज तूफान?

शुक्रवार रात दिल्ली में मौसम ने अचानक करवट ली थी—तेज बारिश और आंधी ने कई इलाकों में तबाही मचाई। प्राथमिक जांच में यह माना जा रहा है कि इसी खराब मौसम की वजह से इमारत की नींव कमजोर हुई और वह गिर गई। हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अगर इमारत पहले से जर्जर हालत में थी तो समय रहते कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

"नगर निगम की लापरवाही है जिम्मेदार"

मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मौके पर पहुंचकर साफ तौर पर कहा कि यह हादसा दिल्ली नगर निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। बिष्ट का कहना है कि उन्होंने पहले ही इस इमारत को खतरनाक घोषित कर प्रशासन को चेतावनी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में कई ऐसी इमारतें हैं जो जर्जर हालत में हैं, लेकिन फिर भी उनमें लोग रह रहे हैं। बिजली कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं गरीबों को नहीं दी जातीं, जिससे हालात और खराब हो जाते हैं।

क्या यह पहला हादसा है?

दिल्ली में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। महज एक हफ्ते पहले, 11 अप्रैल को मधु विहार में भी एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार धूलभरी आंधी में गिर गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हुए थे। इन लगातार हो रहे हादसों ने राजधानी में निर्माण और भवन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।