अंतरिक्ष में भारतीय महिला रोबोट का पहला कदम
वर्ष 2025 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए कई ऐतिहासिक उपलब्धियों का गवाह बनेगा। इसरो ने अगले छह महीनों में छह महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाई है। इन मिशनों में सबसे प्रमुख है गगनयान कार्यक्रम, जिसके तहत महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह पहली बार होगा जब भारत किसी महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसके साथ ही भारत-अमेरिका के संयुक्त प्रयास से निर्मित दुनिया का सबसे महंगा उपग्रह NISAR भी लॉन्च किया जाएगा। यह उपग्रह पृथ्वी के पर्यावरणीय परिवर्तनों पर नजर रखेगा और प्राकृतिक आपदाओं की सटीक जानकारी देगा।
खो-खो विश्वकप: भारत की माटी का खेल वैश्विक पटल पर
खो-खो, जो भारतीय मिट्टी की खुशबू से जुड़ा खेल है, 2025 में अपने पहले विश्वकप का गवाह बनेगा। 13 से 19 जनवरी के बीच नई दिल्ली में आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में 615 खिलाड़ी और 125 सपोर्ट स्टाफ हिस्सा लेंगे। महाभारत काल से जुड़े इस खेल को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल खेल को लोकप्रिय बनाना है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक मंच पर मजबूत करना है।
संघ की स्थापना के 100 वर्ष
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा। विजया दशमी के दिन यह ऐतिहासिक क्षण होगा। संगठन ने अगले दो वर्षों में देशभर में अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख करने का लक्ष्य रखा है। संघ की प्राथमिकता सामाजिक समरसता और देश की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करना है। इस महत्वपूर्ण वर्ष में संघ की गतिविधियां और भी व्यापक और प्रभावशाली होंगी।
प्रयागराज में महाकुंभ: आस्था का सबसे बड़ा पर्व
2025 का महाकुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा। हर 12 साल बाद आयोजित होने वाले इस महोत्सव में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। कुंभ मेले की महत्ता केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी विशेष है। इस आयोजन में लाखों साधु-संतों, श्रद्धालुओं, और पर्यटकों का जमावड़ा होगा। 144 वर्षों में एक बार होने वाला महाकुंभ इस आयोजन को और भी भव्य बनाएगा।
तपेदिक मुक्त भारत का सपना होगा साकार
भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को तपेदिक (टीबी) से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले पूरी की जाएगी। 2016 में भारत में 4,23,000 लोग टीबी के कारण अपनी जान गंवा बैठे थे। आज भारत ने अपने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करते हुए न केवल टीबी के मामलों में कमी लाई है, बल्कि इस बीमारी को जड़ से खत्म करने की दिशा में भी तेज़ी से काम किया है। इस प्रयास से देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और भारत एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
वर्ष 2025 भारत के लिए उपलब्धियों, सांस्कृतिक आयोजनों और ऐतिहासिक क्षणों का वर्ष होगा। यह साल देश के भविष्य की दिशा तय करेगा और भारत को एक नई पहचान दिलाएगा।